रायपुर। पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। कोरोना महामारी के कारण इस कार्यक्रम में डेढ़ सौ से दो सौ लोगों के हिस्‍सा लेने की उम्‍मीद है। राम मंदिर के शिलान्यास का हिस्सा बनने के लिए भगवान राम के ननिहाल की माटी 14 दिनों में अयोध्या पहुंच जाएगी। राजधानी रायपुर के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर की मिट्टी लेकर गुरुवार को गोभक्त मुहम्मद फैज खान पदयात्रा करते हुए अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं।
वह पांच अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे ताकि नींव में नानी के गांव की मिट्टी भी शामिल हो जाए। रायपुर के जयस्तंभ चौक से शुरू हुई पदयात्रा बिलासपुर, अमरकंटक, शहडोल, प्रयागराज होते 796 किलोमीटर दूर अयोध्या पहुंचेगी। रायपुर निवासी फैज खान की पहचान गोभक्त और रामकथा वाचक के रूप में है।
यात्रा शुरू करते समय उन्होंने कहा भगवान का ननिहाल दक्षिण कौशल भले ही अब छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है, लोगों के रोम-रोम में राम ही बसे हैं। इसी क्षेत्र से भगवान 14 वर्षो की वनवास यात्रा के दौरान भी गुजरे थे। सनातन परंपरा के अनुसार, हर शुभ कार्य में ननिहाल का योगदान होता है।
यहां के लोगों की इच्छा और भावना है कि भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए उनके ननिहाल से भी भेंट दी जाए। छत्तीसगढ़ के लोगों की तरफ से यह भांचा (भांजा) भेंट है। फैज अयोध्या पहुंचने के लिए प्रतिदिन लगभग 60 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
फैज ने कौशल्या मंदिर की माटी को चांदी की डिब्बी में रखा है। उसे जय श्रीराम लिखे हुए एक लाल कपड़े से बांधा गया है। मंत्रोचार के बीच मंदिर से मिट्टी को एकत्र किया गया। पंडित के निर्देशन में फैज ने माता के मंदिर की परिक्रमा की और मिट्टी लेकर यात्रा के लिए निकल पड़े हैं। इस मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान की प्रतिमा का पूजन होता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रायपुर में बने भव्य राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने 2013 में आए थे। उस समय घोषणा की थी कि भगवान राम के ननिहाल में राम मंदिर बन गया है, अब अयोध्या में भी राम मंदिर निर्माण का रास्ता निकलेगा। तब अयोध्या के मंदिर का मामला कोर्ट में चल रहा था।

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