मदरलैंड/संवाददाता/ सहरसा
  • दुकानदार ने लगाया रेलवे अधिकारियो से न्याय की गुहार
सहरसा में माल महाराज का मिर्जा खेले होली वाला कहावत चरितार्थ हो रहा है । जहाँ  रेलवे की जमीन किराए पर लेकर रेल अधिकारियो की मिली भगत से दूसरे के हाथ बेच देने का एक मामला प्रकाश में आया है। इतना ही नहीं पुनः खरीददार के द्वारा उस जमीन को एक सैलून संचालक को 10 हजार रुपए प्रति माह के दर किराए पर दे दिया गया। सैलून संचालक अपने नाम से बिजली का कनेक्शन लेकर विगत 10 वर्षों से सैलून का संचालन कर रहा है। लॉकडाउन होने पर 3 माह से सैलून बंद रहने के कारण संचालक द्वारा किराया नहीं दिए जाने पर मकान मालिक के द्वारा सैलून में ताला जड़ दिए जाने के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा है। सहरसा रेलवे परिसर में ऐसे अनेकों दुकान हैं जिनका आवंटन किसी और के नाम से है और उस पर दुकान कोई और चला रहा है । जिसका खुलासा जांच के बाद हो पाएगा। पीड़ित सैलून संचालक रामधनी ठाकुर ने इस संबंध में समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम को आवेदन देकर जांच की मांग कर न्याय की गुहार लगाई है। सहरसा रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास स्थित उक्त दुकान शंकर भगत के नाम से आवंटित है। ऐसी भी जानकारी मिली है कि शंकर भगत ने उक्त दुकान को चरण सिंह को बेच दिया है। वर्तमान में उक्त दुकान में रामधनी ठाकुर के नाम से बिजली का कनेक्शन लगा है और उसके द्वारा सैलून का संचालन 10 वर्ष पूर्व से किया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण सैलून बंद रहने पर मकान मालिक को किराया देने से असमर्थ रहने के कारण मकान मालिक ने दुकान में ताला जड़ दिया। मकान मालिक का कहना है कि जब तक पिछले 3 माह का किराया का भुगतान नहीं किया जाएगा । तब तक  दुकान का ताला नहीं खोलेंगे। आश्चर्य की बात तो ये है कि शंकर भगत के नाम से आवंटित रेलवे की जमीन किस प्रकार चरण सिंह ने खरीदा और रेलवे की जमीन को किस आधार पर शंकर भगत ने चरण सिंह को बेचा यह जांच का विषय है। चरण सिंह ने किस आधार पर सैलून संचालन के लिए दुकान रामधनी ठाकुर को दिया यह भी जांच का विषय है। वही पीड़ित दुकानदार ने रेलवे अधिकारियो से न्याय की गुहार लगाई है ।
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