नई दिल्ली। भारतीय विदेश सेवा अधिकारी के. नागराज नायडू को अगले एक साल के लिए संयुक्त राष्ट्र की ब्यूरोक्रेसी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। मालदीव के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रेसिडेंट चुने गए अब्दुल्ला शाहिद ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी है। अगले एक साल तक के. नागराज नायडू अब्दुल्ला शाहिद के सहायक के तौर पर कामकाज देखेंगे। मालदीव के विदेश मंत्री ट्वीट कर नागराज को यह जिम्मेदारी दिए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मैंने राजदूत थिलमीजा हुसैन को विशेष दूत के तौर पर नियुक्त किया है। इसके अलावा राजदूत नागराज नायडू को अपना शेफ डु कैबिनेट नियुक्त किया है।’ बता दें कि शेफ डु कैबिनेट फ्रेंच शब्द है, जिसका अर्थ मुख्य सहायक या निजी सचिव होता है। नायडू भारत के राजदूत हैं, वहीं हुसैन संयुक्त राष्ट्र मिशन में मालदीव के स्थायी दूत हैं। इसके अलावा उन्हें अमेरिका और कनाडा के राजदूत के तौर पर भी जिम्मेदारी मिली हुई है। नायडू की बात करें तो वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप-प्रतिनिधि हैं। अब भारत सरकार की ओर से उन्हें प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त राष्ट्र भेजा जाएगा, जहां वह ब्यूरोक्रेसी का काम देखेंगे। यह एक तरह से पीएम के मुख्य सचिव जैसा पद होगा। नायडू भारत के संभवत: ऐसे पहले राजनयिक हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी मिलने वाली है। इससे वैश्विक जगत में भारत की बढ़ती साख और प्रभाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। इससे पहले इसी साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का दो साल का अस्थायी कार्यकाल शुरू हुआ है। यह 8वां मौका है, जब भारत को सुरक्षा परिषद में रखा गया है। यही नहीं दुनिया के कई बड़े मुल्कों ने भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। नायडू की संयुक्त राष्ट्र में नियुक्ति ऐसे वक्त में अहम है, जब पूरी दुनिया कोरोना संकट से उबरने के प्रयासों में जुटी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा का पिछला सत्र विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वर्चुअली ही अटेंड किया था। गौरतलब है कि सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रेसिडेंट के लिए वोटिंग थी, जिसमें भारत ने मालदीव के पक्ष में मतदान किया था।














