वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा द्वारा अनुमोदित ‘गांधी-किंग एक्सचेंज एक्ट’ को परित कर दिया है। अमेरिकी कांग्रेस की एक प्रमुख समिति ने महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासतों का प्रचार करने के लिए नागरिक अधिकारों के पैरोकार जॉन लेविस द्वारा लिखा एक विधेयक बुधवार को पारित कर दिया। सदन की विदेश मामलों की समिति ने इसे पारित किया है। इस विधेयक में महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासतों का अध्ययन करने के लिए अमेरिका तथा भारत के बीच आदान-प्रदान की पहल करने का प्रावधान है।
बेरा ने कहा, ‘जॉन लेविस न केवल अमेरिका बल्कि दुनियाभर में नागरिक अधिकारों के नायक थे। वह सभी के लिए मानवाधिकार, समानता, न्याय तथा लोकतंत्र के लिए लड़े। गांधी और डॉ. किंग की तरह कांग्रेस सदस्य लेविस ने अहिंसा के अपने कामों के जरिए दुनिया को आकार दिया और उनकी जीवन गाथा पूरे इतिहास में गूंजेगी।’ इस विधेयक से अमेरिका के विदेश विभाग को भारत सरकार के साथ मिलकर दोनों देशों के शोधार्थियों के लिए वार्षिक शैक्षिक मंच स्थापित करने का अधिकार मिल जाएगा। यह शैक्षिक मंच मोहनदास करमचंद गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासतों पर केंद्रित होगा। लेविस ने डॉ. किंग की भारत यात्रा की 50वीं वर्षगांठ पर भारत में एक प्रतिनिधिमंडल का 2009 में नेतृत्व किया था। इस यात्रा से प्रेरित होकर उन्होंने संघर्ष के समाधान की कोशिशों और मौजूदा नीति में बदलावों के लिए गांधी और डॉ. किंग जूनियर के सिद्धांतों को लागू करने के मकसद से इस विधेयक को तैयार किया। लेविस का 17 जुलाई को 80 साल की उम्र में निधन हो गया।

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