अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के साथ सोमवार को अपने संयुक्त बयान में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझे मूल्य ‘शरणार्थियों तथा शरण मांगने वालों के प्रति भेदभाव, कट्टरता और द्वेष’ वाले हैं।ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुशनेर के साथ ही प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों संग भारत की यात्रा के पहले चरण में आज अहमदाबाद पहुंचे हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिका की कार्यकारी निदेशक मारग्रेट हुआंग के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘अमेरिकी और भारतीय नेताओं की नीतियों में मुस्लिम-विरोधी भावनाएं व्याप्त हैं। दशकों तक अमेरिका-भारत संबंधों में मानवाधिकारों और मानवीय गरिमा के साझा मूल्य होने के दावे किये जाते रहे हैं। अब ये साझा मूल्य शरणार्थियों तथा शरण मांगने वालों के प्रति भेदभाव, कट्टरता और द्वेष वाले हैं।’’ बयान में कहा गया कि भारत में सीएए-विरोधी प्रदर्शनों, जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बंद और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा मुस्लिमों पर पाबंदी के विस्तार से नाइजीरिया, इरिट्रिया, म्यामां, किर्गिस्तान, सूडान तथा तंजानिया पर असर पड़ रहा है।
इसमें कहा गया कि एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिका के अध्ययनकर्ताओं ने लेबनान और जॉर्डन जाकर करीब 50 शरणार्थियों के इंटरव्यू लिये जो पाबंदी के पिछले दौर के नतीजतन उन देशों में फंसे हुए हैं जहां उन पर प्रतिबंध वाली नीतियां लागू हैं। वे द्वेषपूर्ण माहौल का सामना कर रहे हैं और उन्हें स्थाई नागरिकों जैसे अधिकार प्राप्त नहीं हैं। बयान में नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर भारत सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा गया है कि यह धार्मिक आधार पर भेदभाव को वैध बनाता है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदर्शनकारियों की उनके कपड़ों से पहचान वाले बयान तथा भाजपा नेताओं की सभा में ‘गद्दारों को गोली मारो’ सरीखे नारों की भी निंदा की गयी है। संस्था ने कहा कि इस तरह के बयानों ने डर और विभाजन का माहौल पैदा कर दिया जिससे हिंसा बढ़ गयी। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने बयान में कहा, ‘‘कश्मीर में इंटरनेट और राजनीतिक पाबंदियां महीनों तक चलीं और सीएए लागू होने तथा प्रदर्शनों पर कार्रवाई से ऐसा नेतृत्व दिखाई देता है जो बातचीत को लेकर उत्सुक नहीं है और जिसमें संवेदनाओं की कमी है। हम राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने और द्विपक्षीय बातचीत में हमारी चिंताओं पर ध्यान दिये जाने का आह्वान करते हैं।’’