एक ओर पूरा देश व दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से परेशान है और लगातार मीटिंग्स करता रहता है, किन्तु दूसरी तरफ भारत के तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के पास्तापुर गांव की निवासी चिलकपल्ली अनुसूयम्मा प्रचार-प्रसार से दूर 22 गांव में 20 लाख पेड़ लगा दिए। उसने इन्हें लगाने के साथ-साथ इसकी देखरेख भी की है। उनके इस कार्य के लिए यूनेस्को ने उन्हें सम्मानित किया है।

यह एक ऐसी महिला का सम्मान था जिसने सिर्फ अपने जीवन को ही नहीं संभाला, बल्कि भूमि की सेहत की भी चिंता की। यहां तक पहुंचने की उनकी कहानी काफी संघर्षमय और प्रेरणादायी है। वे कहती हैं, यह मेरे लिए यह किसी कल्पना जैसा ही है। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं इस प्रतिष्ठित अवार्ड को पा सकूंगी। अनुसूयम्मा को उनकी संस्था डेक्कन डेवलपमेंट सोसायटी (DDS) द्वारा संगारेड्डी जिले में पर्यावरण संरक्षण की कोशिशों के लिए सम्मानित किया गया है।

तेलंगाना के एक जिले संगारेड्डी में चिलकपल्ली अनुसूयम्मा ने आस पास के लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करके 20 लाख पेड़ लगाने का काफी सराहनीय काम किया। यह जिम्मेदारी बेहतर ढंग से निभाने की वजह से पूरी दुनिया में उनकी पहचान बनी और उन्हें यूनेस्को द्वारा विशेष अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया।

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