नई दिल्ली। कोरोना संकट के दौरान अमेरिका में पाकिस्तान से जुड़े चैरिटी संगठनों ने कोरोना संकट से निपटने में भारत को मदद देने के नाम पर करोड़ों डॉलर जुटाए। हालांकि, एक रिपोर्ट में इस धनराशि का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के संचालन और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आयोजन में किए जाने की आशंका जताई गई है। ‘दिसइंफो लैब’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविड-19 की आड़ में पाकिस्तान से जुड़े चैरिटी संगठनों ने मानव इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक को अंजाम दिया। उन्होंने ‘हेल्प इंडिया ब्रीद’ अभियान के तहत दूसरी लहर से जूझ रहे भारत में वेंटिलेटर, मेडिकल ऑक्सीजन और टीका सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाने को आर्थिक सहयोग देने की अपील की। वैश्विक स्तर पर भारत की अच्छी छवि को देखते हुए बड़े पैमाने पर लोगों ने अच्छी-खासी रकम भी दान की। हालांकि, इन संगठनों के पाकिस्तानी फौज की शह में संचालित आतंकी गुटों से गहरे रिश्ते होने की बात सामने आई है। लिहाजा माना जा रहा है कि चैरिटी के नाम पर जुटाई गई रकम का इस्तेमाल विरोध-प्रदर्शनों और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है। दिसइंफो लैब’ के मुताबिक, भारत की मदद का हवाला देकर चैरिटी जुटाने वाले संगठनों में ‘इमाना’ यानी इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका भी शामिल है। इमाना ने 27 अप्रैल 2021 को इंस्टाग्राम ’ अभियान शुरू किया था, जिसके तहत प्रारंभिक दौर में 1.8 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, उसने न तो अभियान से एकत्रित रकम का खुलासा किया, न ही यह बताया कि संबंधित राशि कब किस मकसद से खर्च की गई। अमेरिका स्थित अन्य पाकिस्तानी चैरिटी संगठनों का भी यही हाल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मानव इतिहास के सबसे बुरे घोटालों में से एक है। इसके मुताबिक, अभियान चलाने वालों में एक संगठन ‘इमाना- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन’ अमेरिका के इलिनोइस में कार्यरत है। इसे 1967 में स्थापित किया गया। डॉ. इस्माइल मेहर इमाना के अध्यक्ष हैं। मुख्य रूप से इन्हीं ने ‘हेल्प इंडिया ब्रीद’ की योजना बनाई थी। यहां ध्यान देने वाली बात है कि इमाना का कहीं भी कोई दफ्तर और ब्रांड नहीं है। इसलिए इसे चंदा जुटाने से नहीं रोका जा सका। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जब देश में ऑक्सीजन के संकट जैसे हालात पैदा हो गए थे, तो भारत द्वारा की गई मदद के बदले दुनियाभर के कई देश और संगठन सहयोग के लिए आगे आए। ऐसे में कई संगठनों ने भारत की मदद के लिए क्राउड फंडिंग का भी सहारा लिया था।

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