नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय (एमओसी) और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने आज नई दिल्ली में गुजरात के लोथल में ‘राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास में सहयोग’ के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया नई दिल्ली स्थित परिवहन भवन में आयोजित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान उपस्थित थे। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत की महानता को बाहर लाने और व्यक्त करने के लिए इस खजाने को एक साथ रखने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कियह समझौता ज्ञापन व संग्रहालय देश की सांस्कृतिक विरासत को घरेलू और विश्व स्तर पर सामने लाने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा।लोथल में समुद्री संग्रहालय इसकी केवल एक शुरुआत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय अन्य स्थानों पर इसी तरह की अन्य परियोजनाओं के लिए एक ज्ञान भागीदार के रूप में सभी तरह के समर्थन का विस्तार करेगा। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि हाल ही में विभिन्न स्थानों पर हुई खुदाई से नए ऐतिहासिक तथ्य सामने आ रहे हैं, जो इतिहास के पुनर्लेखन का आधार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये चीजेंहमारी प्राचीन संस्कृति की प्रभुता को सामने लाएंगी और हमें इस तरह के शोध को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत की समृद्ध और विविध समुद्री प्रभुता को प्रदर्शित करने के लिएदेश में एनएमएचसी को भारत की समुद्री विरासत को समर्पित अपनी तरह का पहला विरासत परिसर के रूप में विकसित किया जाना है।उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर और संस्कृति मंत्रालय के साथ सहयोग से हमारे देश के मजबूत समुद्री इतिहास और जीवंत तटीय परंपरा दोनों को एक ही स्थान पर प्रदर्शित करने में सुविधा होगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की समुद्री विरासत की छवि का उत्थान होगा।

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