भारत में चीन के उत्पादों और मोबाइल एप्स के खिलाफ जो अभियान चल रहा है, उसे चीनी विशेषज्ञ तात्कालिक मानते हैं। चीन का दावा है कि भारत के आम नागरिकों को चीनी उत्पादों के इस्तेमाल की आदत पड़ चुकी है और ये सामान और मोबाइल एप लोगों के जीवन का अंग बन चुके हैं, इसलिए इनका पूरी तरह बहिष्कार नामुमकिन है।

चीनी विश्लेषकों का कहना है कि भारत में चीन के खिलाफ माहौल बनाने का काम यहां की राष्ट्रवादी सरकार और मीडिया की तरफ से किया जा रहा है, किन्तु आम आदमी के लिए ऐसा कर पाना सरल नहीं है। चीन के मशहूर अखबार और न्यूज़ पोर्टल ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस वक़्त चीन के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के झाओ गनचेंग के अनुसार, भारत और चीन के बीच बॉर्डर को लेकर चल रहा विवाद उतना गंभीर नहीं है और दोनों देशों की सरकारें इसे लेकर गंभीर हैं, किन्तु भारतीय मीडिया और यहां की राष्ट्रवादी ताकतें चीन के खिलाफ जिस तरह नफरत का माहौल पैदा कर रही हैं और गलत जानकारियां पहुंचा रही हैं, उसका उद्देश्य केवल चीन को बदनाम करना है।

चीनी जानकारों का मानना है कि चीन के सामानों का बहिष्कार करने की जो मुहीम चालाई जा रही है, उससे भारत के आम लोगों की ही मुश्किलें बढ़ेंगी क्योंकि लोगों के लिए सस्ते चीनी उत्पाद उनकी आवश्यकताओं और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं, और अब भारत के लोगों की ये जरूरत बन चुके हैं। फिलहाल भारतीय बाजार में इनका कोई विकल्प नहीं है।

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