जयपुर। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि सतत आर्थिक वृद्धि के जरिए भारत ने अपनी ताकत को प्रदर्शित किया है और यह इसके भविष्य की कुंजी है। कांत यहां हाल ही में एक सम्मेलन मिलिटेरिया को संबोधित करते हुए कही है। उन्होंने कहा कि पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं ने एक ही पीढ़ी के भीतर खुद का कायांतरण कर लिया। भारत ने 1991 के बाद के 30 साल के दौरान 6.5 फीसदी की सालाना औसत आर्थिक वृद्धि के साथ अच्छा खासा बदलाव देखा है। उन्होंने कहा ‎कि आगे भी, निवेश के स्तर और निरंतर आर्थिक वृद्धि सुरक्षा कारणों से महत्वपूर्ण है। सतत आर्थिक वृद्धि भारत के भविष्य की कुंजी है। सुरक्षा कारणों से निवेश और सतत आर्थिक आर्थिक वृद्धि महत्वपूर्ण है कोरोना महामारी के बाद देश द्वारा उठाए गए कदमों से कई क्षेत्रों में आमूलचूल सुधारों की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को भारत के आर्थिक वृद्धि के ‘ह्रदय’ में लाने की जरूरत है। भारत को एक उच्च दर वाली वृद्धि की राह की ओर ले जाना बड़ी चुनौती है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2020 में (-) 3.5 फीसदी रहने के बाद सुधरकर लगभग 5.5 फीसदी होने की उम्मीद है।

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