नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया। ‘अमेरिकी निवेश के वैश्विक गंतव्य के रूप में भारत के सतत और समावेशी विकास में वृद्धि’ पर आयोजित सम्मेलन में कई प्रमुख विदेशी निवेशकों जैसे जनरल इलेक्ट्रिक, बैक्सटर हेल्थकेयर यूएसए, ब्रैंबल्स, मार्श एंड मैकलेनन कंपनीज, पेप्सिको आदि के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सीतारमण ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत के लिए संसाधन जुटाने को वैश्विक टास्क फोर्स बनाने के शीर्ष-40 अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत और अमेरिका ने 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। हाल ही में सीतारमण ने घोषित प्रोत्साहन पैकेजों के बारे में भी बात की, जो निवेशकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि, जिससे देश, विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है और कैसे भारत एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। वित्त मंत्री ने गिफ्ट (जीआईएफटी) सिटी में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) से संबंधित इस साल की बजट पहलों का भी जिक्र किया, जिसे सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था और पूरे क्षेत्र के हित में नवाचार और वित्तीय गतिविधियों के वैश्विक प्रतिस्पर्धी हब के रूप विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।