नई दिल्ली। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष होने के अवसर पर, ट्राइफेड द्वारा 75 नए जनजातीय उत्पादों को लॉन्च किया गया और इन्हें पहले से ही विस्तृत, आकर्षक ट्राइब्स इंडिया कैटलॉग में जोड़ा गया। ट्राइफेड जीआई मूवमेंट ने आदिवासी मूल या स्रोत के 75 उत्पादों की भी पहचान की है, जिन्हें भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग के लिए भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 भारत के तहत पंजीकृत किया जाएगा। भारत के 20 राज्यों से जनजातीय उत्पादों की पहचान जीआई टैगिंग के लिए की गई है। 75 चिन्हित जीआई जनजातीय उत्पादों में से ऐसे 37 उत्पाद पूर्वोत्तर स्थित 8 राज्यों से हैं। आदिवासी बहुल राज्यों में झारखंड के 7 उत्पादों और मध्य प्रदेश के 6 उत्पादों की भी पहचान जीआई टैगिंग के लिए की गई है।
जैसा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है, अमृत महोत्सव के माध्यम से इस ऐतिहासिक दिवस को मनाने के लिए विभिन्न पहल शुरू की जा रही हैं और अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित एक शुरुआत है। आत्मनिर्भर भारत एक अनोखा मिशन है, जिसे ट्राइफेड जनजातीय लोगों की आय और उनकी आजीविका को सतत बनाए रखने के लिए अपने निरंतर प्रयास के एक भाग के रूप में जारी रखता है। जनजातीय कारीगरों के शिल्प कौशल को पहचान दिलाने और उनकी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एक छोटे से योगदान के तौर पर, ट्राइफेड आदिवासी कला एवं शिल्प वस्तुओं की खरीद तथा विपणन अपने ट्राइब्स इंडिया खुदरा नेटवर्क के माध्यम से – ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से कर रहा है। जैसे ही भारत ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में कदम रखा, ट्राइफेड द्वारा 75 नए जनजातीय उत्पादों को लॉन्च किया गया और पहले से ही व्यापक, आकर्षक ट्राइब्स इंडिया कैटलॉग में जोड़ा गया। पूरे देश से प्राप्त उत्पादों में धातु की मूर्तियों, हस्तनिर्मित गहने, सजावट जैसे हैंगिंग जैसी उत्कृष्ट और आकर्षक वस्तुओं को लॉन्च किया गया; दस्तकारी परिधान जैसे शर्ट, कुर्ता, मास्क तथा जैविक उत्पाद जैसे मसाले, प्रोसेस्ड जूस व अन्य हर्बल पाउडर भी इनमें शामिल थे।