एलएसी पर तनाव दूर करने के लिए होगी सातवें दौर की वार्ता

नई दिल्ली। देश के पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से पीछे हटाने को लेकर कदम उठाने के लिए भारत और चीन की सेनाएं सातवें दौर की अपनी वार्ता का कार्यक्रम तय करने की तैयारी रही हैं। यह जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह प्रक्रिया मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के तहत की जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता होने के अगले दिन आई है। दोनों देशों के बीच यह वार्ता सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत हुई थी। दोनों पक्षों ने एलएसी पर गतिरोध दूर करने के लिए अब तक कई दौर में कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं की हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। छठे दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता 21 सितंबर को हुई थी। इस वार्ता में अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिकों को नहीं भेजना, जमीन पर स्थिति को एकरतफा तरीके से बदलने से दूर रहना और मुद्दों को और अधिक जटिल बना देने वाली गतिविधियों से बचने पर सहमति बनी थी। सैन्य वार्ता, विदेश मंत्री एस.जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से अलग हुई एक बैठक में बनी पांच सूत्री सहमति के क्रियान्वयन का खाका तैयार करने के खास एजेंडे के साथ हुई थी। श्रीवास्तव ने कहा कि कमांडरों की पिछली बैठक में बनी सहमति के मुताबिक दोनों पक्ष अब सातवें दौर की बैठक का कार्यक्रम तय करने पर काम कर रहे हैं, ताकि दोनों पक्ष मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के मुताबिक एलएसी से सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से पीछे हटाने की दिशा में काम कर सकें। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन की स्थापना की 71वीं सालगिरह पर ट्वीट कर अपने चीनी समकक्ष वांग यी, वहां की सरकार और लोगों को बधाई दी।

Previous articleबिहार विस चुनाव- सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर होगी कड़ी कार्रवाई : सीईसी अरोड़ा
Next articleइंडिया गेट पर सभा की अनुमति नहीं: दिल्ली पुलिस

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here