नई दिल्ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, रामदास अठावले और रतन लाल कटारिया की उपस्थिति में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आज नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के लिए वेबसाइट का शुभारंभ किया। मादक द्रव्यों के सेवन से मुक्त एक स्थायी दुनिया के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास और सहयोग को मजबूत करने के लिए दुनिया भर में यह दिवस मनाया जाता है। नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने के लिए नोडल मंत्रालय के रूप में काम करने वाला सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय देश भर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करता है। इस वर्ष, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 6 दिवसीय नशा मुक्त भारत शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए मंत्रालय द्वारा की गई कई पहलों के ई-लॉन्च के साथ समाप्त हुआ। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सचिव आर.सुब्रह्मण्यम ने कार्यक्रम में शुरुआती भाषण दिया और संबोधन अतिरिक्त सचिव, उपमा श्रीवास्तव ने दिया। संयुक्त सचिव राधिका चक्रवर्ती ने एनएमबीए अभियान के बारे में विस्तार से बताया और कार्यक्रम का संचालन किया। आज (26 जून, 2021) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि “नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के विशेष अवसर पर, हम किसी भी रूप में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अपने दृढ़ संकल्प को मजबूत करने और दुनिया को यह संदेश देने के लिए एक साथ आए हैं कि भारत इस बुराई से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़गा। यह सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने, नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त करने की पहल और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण और परिणामों को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है। गहलोत ने संकल्प व्यक्त किया कि भारत किसी भी कीमत पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। गहलोत ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किए गए राष्ट्रीय व्यापक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में 6 करोड़ से अधिक लोग ड्रग यूजर्स हैं जिनमें से बड़ी संख्या में 10-17 वर्ष के आयु वर्ग के लोग हैं।