भारत ने गुरुवार को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बयान के लिए पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। भारत ने कहा कि पाकिस्तान को अपने दुष्प्रचार के लिए झूठ बोलने के बजाय अपने देश के अल्पसंख्यकों की शिक्षा और उत्थान के लिए रचनात्मक और सकारात्मक तरीके से काम करना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अल्पसंख्यक मामलों की इस फोरम के 12वें सत्र में पाकिस्तान के दिए बयान पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक, जातीय, सांप्रदायिक और भाषाई अल्पसंख्यक तथाकथित ईशनिंदा कानून के कारण बुनियादी मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का शिकार बने हैं।

इसके अलावा उन्होने आगे कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है जहां धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों समेत सभी नागरिकों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रभावी संवैधानिक व्यवस्था है। लिहाजा भारत अपने न्यायिक फैसलों के संदर्भ में की गई पाकिस्तान की टिप्पणी को पूरी तरह खारिज करता है। आर्यन ने कहा कि दुनिया को ऐसे देश से अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है जिसके अपने नागरिकों ने कभी भी सच्चे लोकतंत्र का अनुभव नहीं किया है। उनके इस बयान ने पाकिस्तान को आईना दिखाया है।

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