नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन साइबर डोमेन से होने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हो गए हैं। साइबर अवरोध (डिटरेंश) पर भारत-ब्रिटेन संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक में दोनों पक्षों ने उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त रूप से रणनीति विकसित करने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि साइबर अवरोध से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। साथ ही 17 अप्रैल, 2018 को हस्ताक्षरित साइबर संबंधों पर भारत-ब्रिटेन फ्रेमवर्क (रूपरेखा) के तहत मौजूदा द्विपक्षीय साइबर सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर भी बातचीत हुई। यह बैठक वर्चुअल तरीके से हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन एक-दूसरे के साथ निकटता से काम करने, साइबर अवरोध के संबंध में विभिन्न चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए लगातार संपर्क में रहने और इस संबंध में प्रभावी रणनीति बनाने पर सहमत हुए। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (साइबर डिप्लोमेसी) अतुल मल्हारी गोतसुर्वे ने किया जबकि ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश विभाग में राष्ट्रमंडल विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के साइबर डायरेक्टर विल मिडल्टन ने किया। इस बैठक में दोनों देशों के संबंधित मंत्रालयों और विभागों के साइबर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।