आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है। जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है। वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 3 लाख 08 हजार से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है। ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक भारत में आए कोविड-19 के कुल मामलों का 79 प्रतिशत महज 30 निकाय क्षेत्रों से है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय मंत्री समूह की बैठक हुई और इस बैठक में उन राज्यों में, जहां पर सबसे अधिक मामले आए हैं और मौतें हुई है, वहां के लिए कोविड-19 प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कोविड-19 विशेष पैकेज के तीसरे चरण की घोषणा की। इस चरण में किसानों की मदद और कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में सुधार पर जोर दिया गया। बता दें कि इस संकट के दौर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीसरे चरण में घोषित उपायों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जल्द फैसला होगा लेकिन अधिकारियों ने बताया कि इस चरण में अधिक ढील दी जाएगी और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अधिक लचीला रुख अपनाने की छूट होगी जबकि क्रमबद्ध: तरीके से रेलवे और घरेलू उड़ानों को शुरू करने की संभावना को भी टटोला जा रहा है।
अंतिम दिशानिर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय पिछले हफ्ते मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई चर्चा में आए सुझावों पर विचार करने के बाद देगा। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से 15 मई तक अपने सुझाव देने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह से अलग और नये नियमों के साथ होगा। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोई भी राज्य पूरी तरह से लॉकडाउन को हटाना नहीं चाहता लेकिन सभी धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति को बहाल करना चाहते हैं।