नई दिल्ली। बागवानी के क्षेत्र में इजरायल की प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से भारत-इजरायल कृषि परियोजना (आईआईएपी) के तहत कर्नाटक में स्थापित 3 उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री व क्षेत्रीय सांसद प्रल्हाद जोशी विशेष अतिथि थे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) डिवीजन और मशाव (MASHAV) – इज़राइल की अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी, इज़राइल के सबसे बड़े G2G सहयोग का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत में 12 राज्यों में 29 ऑपरेशनल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस सहित, स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप उन्नत इज़राइली एग्रो-प्रौद्योगिकी को लागू कर रहे हैं। इन 29 पूर्णतः क्रियाशील सीओई में से 3 कर्नाटक से हैं। ये हैं- आम के लिए कोलार, अनार के लिए बगलकोट और सब्जियों के लिए धारवाड़। उत्कृष्टता के ऐसे केंद्र ज्ञान सृजित करते हैं, सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करते हैं और अधिकारियों तथा किसानों को प्रशिक्षित करते हैं।
कृषिमंत्री तोमर ने कहा कि तकनीक के मामले में दोनों देश एक साथ काम कर रहे हैं, जिसका परिणाम अच्छे रूप में परिलक्षित हो रहा है। इजराइल की तकनीक से स्थापित सेंटर्स बहुत सफल रहे हैं। ये सेंटर्स किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना भी है। भारत और इजराइल के बीच तकनीक की साझेदारी से उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों को उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिल रही है। इससे उपज के दाम अच्छे मिलते हैं। सेन्टर्स ऑफ एक्सीलेन्स ने नई तकनीकों के प्रचार-प्रसार व प्रदर्शन के साथ-साथ इनके आसपास के किसानों और फील्ड स्टाफ को प्रासंगिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तोमर ने कहा कि इजराइल के तकनीकी सहयोग से एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) द्वारा वित्तपोषित, 34 सी.ओ.ई. अनुमोदित किए गए हैं, जिनमें से 29 सेन्टर्स सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभा रहे हैं और इनका सुफल किसानों को मिल रहा हैं। इनमें से 3 कर्नाटक में शुरू किए हैं।