नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ने देश में ड्रोन परिचालन के नियमों को आसान किया है। इसके लिए भरे जाने वाले आवश्यक प्रपत्रों की संख्या 25 से घटाकर पांच कर दी गई है। इसी तरह परिचालन से लिए जाने वाले शुल्क के प्रकारों की संख्या 72 से घटाकर चार कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा कि नए ड्रोन नियम भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत करते हैं। उन्होंने कहा कि ये नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन पर आधारित हैं। स्वीकृतियां, अनुपालन आवश्यकताओं और प्रविष्टि संबंधी बाधाओं को काफी कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और युवाओं को काफी मदद मिलेगी। उनके मुताबिक यह इनोवेशन और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा और को ड्रोन केंद्र बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की शक्ति का लाभ उठाने में मदद करेगा। ड्रोन नियम, 2021 बुधवार को जारी किए गए। इन नए नियमों ने मानवरहित विमान प्रणाली यानि यूएएस नियम, 2021 का स्थान लिया है जो इसी साल 12 मार्च को लागू हुआ था। नए नियमों के अनुसार, शुल्क को नाममात्र यानि 100 रुपये के स्तर तक घटा दिया गया है और इसे ड्रोन के आकार से अलग कर दिया गया है। नियमों में विभिन्न मंजूरियों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाणपत्र, रख-रखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, परिचालक परमिट, शोध एवं विकास संगठन की स्वीकृति और विद्यार्थी रिमोट पायलट लाइसेंस शामिल हैं। ड्रोन नियम, 2021 के मुताबिक अन्य स्वीकृतियों जैसे विशिष्ट प्राधिकरण संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या और विनिर्माण एवं उड़ान योग्यता प्रमाण-पत्र आदि को भी समाप्त कर दिया गया है।

Previous article27 अगस्त 2021
Next articleकोरोना के खिलाफ एक और हथियार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here