नई दिल्ली। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने असैन्य परमाणु क्षेत्र में सहयोग के लिए एक मसौदा समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। दोनों पक्षों ने 13 साल से हो रही बातचीत के बाद इसे अंतिम रूप दिया है। दोनों पक्षों ने बुधवार को होने वाले डिजिटल शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले इसे अंतिम रूप दिया है।
सम्मेलन का उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक संबंध बनाना है। 27-सदस्यों वाले संगठन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समझौते में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए अनुसंधान और विकास सहित असैनिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सहयोग के प्रावधान किए गए हैं। अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन में दोनों पक्ष सीबीआई और यूरोपोल के बीच प्रभावी सहयोग के लिए प्रक्रिया की शुरुआत के अलावा, समुद्री सुरक्षा पर अलग से बातचीत शुरू करने और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के अलावा संबंधों को व्यापक बनाने की खातिर पांच साल का रोडमैप जारी करेंगे।
शिखर बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, वहीं यूरोपीय पक्ष का नेतृत्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन करेंगी। यूरोपीय संघ भारत के लिए रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण समूह है। ईयू 2018 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। 2018-19 में ईयू के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 115.6 अरब अमेरिकी डॉलर था जिसमें निर्यात 57.67 अरब अमेरिकी डॉलर का था जबकि आयात 58.42 अरब अमेरिकी डालर का था।

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