प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा को लेकर भारत-सऊदी अरब के बीच बड़े समझौते किये गए है। वहीं इस यात्रा के चलते कुछ ऐसा हुआ जो भारतवर्ष के लिए ऐतिहासिक है। भारत-सऊदी अरब इस पर विचार-विमर्श करेंगे, वही यह दोनों देशों के बीच रणनीति समझौते पर अपना काम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि सऊदी अरब 4 देश है, जिसके साथ भारत समझौता करेगा। सूत्रों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दो दिवस के दौरे से वापस भारत लौट चुके है। वहीं पीएम मोदी ने रियाद में अपने इन्वेस्टमेंट इनिशियेटिव (FII) को संबोधित कराया।

रणनीति समझौता
रणनीति समझौते के लिए बनी इस विचार-विमर्श की अध्यक्षता भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और किंग सलमान कर रहे है। जिसके लिए सरकार टू सरकार मैकेनिज्म बनाया जा रहा है, वहीं यह देशों के मध्य विकास की इस, रणनीति समझौतों को आगे बढ़ाने वाला होगा। इससे पहले भी भारत इस प्रकार का समझौता 3 देशों के साथ कर चुका है।जिसमें जापान, रूस और जापान सम्मलित है।

पीएम मोदी का फोकस निवेश पर
वहीं यह खबर भी है कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्तों में बेहद गहराई है, ऐसे में भारत का ये समझौता सऊदी अरब के साथ होना काफी अच्छा साबित होगा। इसके तहत दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुख एक तय अंतराल के बाद मुलाकात कर सकते हैं और कई मसलों पर बात करेंगे। सऊदी अरब के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर निवेश पर है। उन्होंने यहां कहा कि 2024 तक भारत रिफाइनिंग, पाइपलाइन, गैस टर्मिनल के क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करना होगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सऊदी अरब से इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी निवेश इस बात को बढ़ने का दावा किया है।

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