• संघ प्रमुख मोहन भागवत और उमा भारती को मिला निमंत्रण

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन की तैयारी शुरू हो गई है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भूमि पूजन में शामिल होने अयोध्या जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी के अलावा, अवधेशानंद सरस्वती, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, रामभद्राचार्य, इकबाल अंसारी, मोहन भागवत, कल्याण सिंह, विनय कटियार को भी भूमि पूजन में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है।
भूमि पूजन कार्यक्रम में कोई केंद्रीय मंत्री शामिल नहीं होगा। राजनाथ सिंह और अमित शाह के आने के आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब ये दोनों भी नहीं आएंगे। उम्र स्वास्थ्य और कोरोना को देखते हुए लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के भी अयोध्या आने की संभावना नहीं है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को छोड़कर किसी भी मुख्यमंत्री को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। किसी उद्योगपति को भी भूमि पूजन का निमंत्रण नहीं भेजा गया है। सभी धर्मों के प्रतिनिधि भूमिपूजन में उपस्थित होंगे। श्री श्री रविशंकर सरीखे बड़े घर्म गुरुओं को भी अब तक न्योता नहीं दिया गया है। आमंत्रित किए जाने वाले लोगों की सूची में 208 लोगों को नाम हैं। इसमें अभी कुछ और लोगों के नाम जोड़े जा सकते हैं।
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पीएम मोदी का बचाव करते हुए कहा था कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण कार्य राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने शुरू कराया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी तर्ज पर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कराएंगे। भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री ने कहा था कि अयोध्या अब विवाद का विषय नहीं रहा। वहां आस्था का टकराव नहीं था। मुसलमानों की आस्था खुदा पर है, मक्का मदीना पर है, इस्लाम पर है, लेकिन बाबर या बाबर की बनवाई हुई किसी यादगार पर नहीं। उन्होंने कहा था कि हिंदू हों या मुसलमान, सबकी नजर में बाबर एक विदेशी हमलावर था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उमा भारती ने कहा था कि अयोध्या मुद्दे को नेहरू ने राजनीतिक मंशा से साल 1949 में विवादित बना दिया।

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