मदरलैंड संवाददाता, गोपालगंज

प्रशासन के कदम को लोगों ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
गोपालगंज। भोरे प्रखंड मुख्यालय में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को भी बंद करा दिया। इस जद में मेडिकल स्टोर के साथ साथ अब बैंक भी आ गए हैं। मेडिकल स्टोर तो खुले नहीं, बैंकों ने भी लेन देन बंद कर आम लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि अगर कोई इमरजेंसी कार्य या किसी तबीयत बिगड़ गई, तो दवा और पैसे के अभाव में उसकी जान भी जा सकती है। भोरे में सभी बैंकों ने गेट पर लेन देन नहीं होने की सूचना लगा रखी है। एक तो लॉक डाउन ऊपर से प्रशासन द्वारा बैंकों के लेन देन पर रोक लगाना आम लोग अब इसे नहीं झेल पा रहे। लोगों का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए प्रशासन के सभी कदम स्वागत योग्य हैं, लेकिन आम लोगों की ज़िंदगी से खेलने की इजाजत उन्हें किसने दी। आलम यह है कि छोटी मोटी दवाओं से लेकर कैस के लिए लोगों चार से पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। फिर भी कैस और दवाएं नहीं मिल रही हैं। बता दें कि भोरे प्रखंड मुख्यालय है, जहां राष्ट्रीय कृत से लेकर क्षेत्रीय बैंकों की शाखाएं हैं। लेकिन बैंकों में लेन देन बंद कर दिया गया है। यहां तक कि इमरजेंसी में भी बैंक पैसे देने को तैयार नहीं हैं। एटीएम में भी कैस नहीं है। अगर अन्य बाजारों की बात करें, तो भोरे से पूरब दिशा में पांच किलोमीटर की दूरी पर हुस्सेपुर, पश्चिम में कटेया रोड़ में पांच किलोमीटर पर कोरेया और विजयीपुर रोड़ में छह किलोमीटर पर मुशहरी बाजार, उत्तर में चार किलोमीटर पर बगही बाजार और दक्षिण में चार किलोमीटर पर सिसई बाजार अवस्थित हैं। लेकिन ये बहुत ही छोटे बाज़ार हैं। और यहां दवा की छोटी-मोटी दुकानें ही हैं, जहां सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। यदि किसी की तबीयत गंभीर रूप से खराब हो जाए और डॉक्टर से दिखाने पर उसने कोई दवा लिख दी, तो उसे खरीदना काफी मुश्किल है। ऐसे में अब भोरे के लोगों को दवा और  पैसे का अभाव किसी बड़ी मुसीबत में डाल रहा है। बता दें कि दवा की दुकानें और बैंक अनिवार्य सेवा में आतें हैं. जिला मुख्यालय में भी दवा दुकानें के साथ साथ बैंकों में लेनदेन हो रहा है। लेकिन भोरे में इन सेवाओं को भी बंद करा दिया गया है। अब सवाल यह है कि आम आदमी करे तो क्या करे। यह आदेश सरकार के उस आदेश की अवहेलना तो नहीं, जिसमें सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को जारी रखने की बात कही थी। बहरहाल, प्रशासन का यह कदम आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डालने के समान है।
क्या कहते हैं अधिकारी 
इस सम्बन्ध मे बीडीओ पन्नालाल ने बताया कि कोरोना मरीज मिलने के बाद तीन किलोमीटर की परिधि को कंटेन्मेंट जोन घोषित करते हुए पूरी तरह से सील कर दिया गया है। एसडीओ, हथुआ के आदेश से इस क्षेत्र की अन्य दुकानों के साथ ही दवा की दुकानों को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। साथ ही बैंकों को इमरजेंसी छोड़ कर अन्य लेन देन को रोकने का आदेश दिया गया है।

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