नई दिल्‍ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री भी दो दिन दिल्‍ली में रहे। उन्‍होंने भी तीनों शीर्ष नेताओं से लंबी बातचीत की। उधर, उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के संकेत मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि मोदी अलग-अलग समूहों में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अपने सहयोगियों से मुलाकात कर रहे हैं। भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच यह कवायद शाह की उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दलों के नेताओं क्रमश: अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के संजय कुमार निषाद तथा प्रवीण कुमार निषाद से मुलाकात के बाद आरंभ हुई है।
पटेल, मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री बनाई गई थीं। मुलाकातों और चर्चा की इस कवायद के बारे में भाजपा की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक अब तक प्रधानमंत्री के आवास पर मोदी की मंत्रियों के साथ घंटों तक तीन ऐसी समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं। सूत्रों ने बताया कि अभी तक कृषि, ग्रामीण विकास, पशुपालन और मत्स्य, जनजातीय मामलों, शहरी विकास, संस्कृति, सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन, नागरिक उड्डयन, रेलवे, खाद्य और उपभोक्ता मामले, जल शक्ति, पेट्रोलियम, इस्पात और पर्यावरण मंत्रालयों के केंद्रीय और राज्यमंत्रियों को बैठकों के लिए बुलाया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रधानमंत्री मोदी, शाह और नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें कर लंबी चर्चा की। हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। इसके दो दिनों के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय वापस तृणमूल कांग्रेस में लौट गए। भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह के साथ लखनऊ का दौरा किया था। इस दौरान दोनों नेताओं ने राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों के अलावा संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें की थी। संतोष ने उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड और गोवा का भी दौरा किया था। पिछले दिनों नड्डा ने कोविड-19 की दूसरी लहर से पैदा हुई परिस्थितियों और हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर पार्टी महासचिवों और विभिन्न मोर्चों के अध्यक्षों के साथ दो दिनों तक मंथन किया और इसके बाद नड्डा ने सभी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपनी तैयारियों में जुट गया है। इन पांच में से चार राज्यों में भाजपा का शासन है जबकि पंजाब कांग्रेस शासित है। इन पांच राज्यों के बाद साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के भी विधानसभा चुनाव होने हैं। इन सभी राज्यों में भाजपा को अपनी सरकार बचाने की चुनौती होगी।

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