मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता पंकजा मुंडे के दफ्तर पर मंगलवार को हुई मीटिंग को लेकर पुलिस ने केस दर्ज किया है। मुंबई के वर्ली स्थित उनके दफ्तर पर मीटिंग को लेकर पुलिस ने 42 लोगों के खिलाफ भीड़ जुटाने को लेकर केस दर्ज किया है। पुलिस ने कोरोना नियमों का उल्लंघन कर भीड़ जुटाने के मामले में केस फाइल किया है। बैठक का आयोजन करने वाले लोगों को नाम भी पुलिस ने एफआईआर में शामिल किए हैं। दरअसल मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में पंकजा मुंडे की बहन और बीड़ लोकसभा सीट से सांसद प्रीतम मुंडे को जगह न मिल पाने को लेकर उनके समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं। इसी को लेकर मंगलवार को मुंडे परिवार के समर्थकों की भीड़ पंकजा मुंडे के दफ्तर के बाहर जुट गई थी। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए पंकजा मुंडे ने स्वीकार किया था कि छोटी बहन प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह न मिल पाने से वह नाराज हैं। हालांकि अपने समर्थकों से उन्होंने यह भी साफ किया था कि यह धर्मयुद्ध करने का वक्त नहीं है। पंकजा मुंडे ने इसके साथ ही राज्य में बीजेपी की लीडरशिप पर बिना किसी का नाम लिए ही निशाना साधा था। वहीं पंकजा मुंडे ने पार्टी की सेंट्रल लीडरशिप पर भरोसा भी जाहिर किया था। पंकजा मुंडे ने खुद को और बहन को साइडलाइन किए जाने को धर्मयुद्ध जैसा बताया था। उन्होंने कहा कि यह धर्मयुद्ध जैसा है, लेकिन हम पांडवों की तरह इसे टालने के पक्ष में हैं। पंकजा मुंडे ने कहा कि पार्टी के भीतर ही कुछ ऐसे लोग हैं, जिनकी मंशा खराब है और अकसर विवाद पैदा करते हैं। पंकजा मुंडे ने बिना किसी का नाम लिए ही पार्टी की स्टेट लीडरशिप पर निशाना साधा। पंकजा मुंडे ने कहा, ‘समय ही हर चीज का समाधान है। यह कोई भी अतिवादी फैसला लेने का वक्त नहीं है। आखिर हम अपने ही घर को क्यों छोड़ें, जिसे हमने बहुत ही मेहनत के साथ तैयार किया है।

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