गाजियाबाद। प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य होगा। कोविड संक्रमण रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने यह पहल की है। इसके साथ मंदिर प्रशासन ने कोविड प्रोटोकाल के तहत और भी कई कदम उठाए हैं। हालांकि शुरुआती दौर में जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगी है, और मंदिर प्रशासन से अनुमति ली है, उन्हें 48 घंटे की निगेटिव कोविड रिपोर्ट अपने साथ दर्शन के लिए लानी होगी। मंदिर की यह नई व्यवस्था 8 जून से लागू होगी।
यूपी सरकार 8 जून से कुछ प्रमुख धार्मिकस्थलों के खोलने पर विचार कर रही है।इसके तहत प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर प्रशासन ने फैसला किया है कि केवल उन्हीं लोगों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने वैक्सीन की एक या फिर दोनों डोज लगवा ली हो। अगर किसी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है,तब उस दो दिन के भीतर की कोविड रिपोर्ट मंदिर प्रशासन को दिखानी होगी। लेकिन ये नियम कुछ विशिष्ट परिस्थितियों के लिए ही मान्य हैं। कोविड संक्रमण रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। 8 जून से जब यह मंदिर दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा तो उनके लिए यहां दर्शन करना एकदम नया अनुभव होगा।
महंत नारायण गिरी के मुताबिक, जब जीवन सुरक्षित रहेगा तो भगवान के दर्शन होंगे, वैक्सीन लगवाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने और इस व्यवस्था को लागू करने के लिए मंदिर प्रशासन ने पुख्ता तैयारियां की हैं। नोटिस मंदिर के प्रमुख स्थलों पर लगा दिए गए हैं। इस नोटिस में लिखा है कि वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है तभी मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी। मंदिर के प्रवेश द्वार पर मंदिर प्रशासन भक्तों के मोबाइल या फिर वैक्सीन सर्टिफिकेट के जरिए उनके वैक्सीनेशन की तस्दीक करेगा। भक्तों की कोविड निगेटिव रिपोर्ट भी यहीं देखी जाएगी। अंदर जब श्रद्धालु और भक्त दाखिल होंगे, तब स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए नियम इस बोर्ड पर होंगे जिसे वह पढ़ सकेंगे। इसमें कोविड प्रोटोकॉल के सारे नियम और जरूरी वैक्सीनेशन का जिक्र है।
मंदिर के भीतरी परिसर में भी इसी तरीके से भक्तों को दूरी बनाए रखनी होगी। ये दूरी दो से छह फीट तक की है। मंदिर गर्भगृह में एक वक्त पर पांच ही लोगों को घुसने की इजाजत होगी। दर्शन के दौरान भक्तों और श्रद्धालुओं को मंदिर में किसी भी मूर्ति और चीजों को छूने की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा पूजा अनुष्ठान भी बिना मंदिर परिसर को छुए ही पूरा किया जाएगा। मंदिर प्रशासन संक्रमण रोकने के लिहाज से इस प्रक्रिया को बेहद अहम मानता है।