मध्यप्रदेश के नीमच में चाय की गुमटी लगाने वाले सुरेश गंगवाल की 23 साल की बेटी आंचल हैदराबाद में एयरफोर्स ट्रेनिंग एकेडमी में वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया के सामने जब मार्च पास्ट कर रही थीं, तो उनकी आंखें भर आईं। 20 जून को 123 कैडेट्स के साथ आंचल गंगवाल की वायुसेना में कमिश्निंग हो गई। पिता सुरेश गर्व भरी मुस्कान के साथ कहते हैं- ‘फादर्स डे पर पिता के लिए इससे अच्छा और क्या गिफ्ट हो सकता है।

आंचल के पिता कहते हैं कि मेरी जिंदगी में खुशी के कम मौके आए हैं, मगर कभी न हार मानने वाली बेटी ने यह साबित कर दिया कि मेरे हर संघर्ष के पसीने की बूंदें किसी मोती से कम नहीं।’ वहीं, आंचल कहती हैं कि ‘मुसीबतों से नहीं घबराने का सबक उन्होंने अपने पिता से सीखा है। आर्थिक समस्याएं जीवन में आती हैं, लेकिन मुश्किलों का मुकाबला करने का हौसला होना आवश्यक है।’

इंडियन एयरफोर्स में फाइटर पायलट के रूप में चयनित आंचल का कहना है कि वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए मैंने पुलिस सब इंस्पेक्टर और लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी भी छोड़ दी। केवल एक लक्ष्य था- हर हाल में एयरफोर्स में जाना है। आखिरकार छठवें प्रयास में मुझे कामयाबी मिल ही गई।

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