प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों खासकर युवाओं को विपरीत परिस्थितियों में अपनी इच्छाशक्ति से हौसला बरकरार रखने का मंत्र देते हुये जीवन में रोमांच की अहमियत को रेखांकित किया। इसके लिए उन्होंने 12 साल की पर्वतारोही काम्या और 105 साल की उम्र में पढ़ाई करने वाली बुजुर्ग भागीरथी अम्मा को नजीर बताया। मोदी ने कहा, ‘‘जीवन के विपरीत समय में हमारा हौंसला, हमारी इच्छा-शक्ति किसी भी परिस्थिति को बदल देती है।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं, तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी, कभी मरना नहीं चाहिए।” मोदी ने सीखने की ललक और जिजीविषा को जिंदा रखने के लिये केरल के कोल्लम की भागीरथी अम्मा का उदाहरण देते हुये कहा कि अम्मा ने 105 साल की उम्र में न सिर्फ स्कूली पढ़ाई शुरु की बल्कि परीक्षा में 75 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण भी हुयीं। उन्होंने कहा, ‘‘भागीरथी अम्मा जैसे लोग, इस देश की ताकत हैं। प्रेरणा की एक बहुत बड़ी स्रोत हैं। मैं आज विशेष-रूप से भागीरथी अम्मा को प्रणाम करता हूँ।’’ उन्होंने मजबूत इच्छाशक्ति के लिये महिलाओं की उपलब्धियों का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘हमारे देश की महिलाओं, हमारी बेटियों की उद्यमशीलता, उनका साहस, हर किसी के लिए गर्व की बात है। अपने आस पास हमें अनेकों ऐसे उदाहरण मिलते हैं। जिनसे पता चलता है कि बेटियां किस तरह पुरानी बंदिशों को तोड़ रही हैं, नई ऊँचाई प्राप्त कर रही हैं।
’’ मोदी ने 12 साल की काम्या की कहानी बताते हुये कहा, ‘‘काम्या ने, सिर्फ, बारह साल की उम्र में ही दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में एंडीज पर्वत की सबसे ऊंची पर्वत चोटी मांउट अकोंकागुआ को फ़तेह करने का कारनामा कर दिखाया है। हर भारतीय को ये बात छू जायेगी कि इस महीने की शुरुआत में काम्या ने इस चोटी को फ़तेह कर सबसे पहले, वहाँ, हमारा तिरंगा फहराया।’’ उन्होंने काम्या को भविष्य की साहसिक रोमांचक योजनाओं के लिये शुभकामनायें देते हुये कहा, ‘‘देश को गौरवान्वित करने वाली काम्या, एक नये मिशन पर है, जिसका नाम है ‘मिशन साहस’। इसके तहत वह सभी महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों को फ़तेह करने में जुटी है। इस अभियान में उसे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर स्कीइंग भी करना है।’’ मोदी ने कहा कि काम्या की उपलब्धि सभी को फिट रहने के लिए भी प्रेरित करती है। इतनी कम उम्र में, काम्या, जिस ऊँचाई पर पहुंची है, उसमें फिटनेस का भी बहुत बड़ा योगदान है।
इससे पहले उन्होंने जीवन में रोमांच (एडवेंचर) के महत्व को बताते हुये इसे अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाने का माध्यम बताया। प्रधानमंत्री ने रोमांचक खेलों (एडवेंचर स्पोर्टस) से जुड़ने की अपील करते हुये कहा, ‘‘आने वाले महीने तो रोमांचक खेलों के लिए भी बहुत उपयुक्त हैं। भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जो हमारे देश में रोमांचक खेलों के लिए ढेरों अवसर प्रदान करती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में एक तरफ जहां ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं तो वहीं दूसरी तरफ, दूर दूर तक फैला रेगिस्तान है। एक ओर जहां घने जंगलों का बसेरा है, तो वहीं दूसरी ओर समुद्र का असीम विस्तार है। इसलिए मेरा आप सब से विशेष आग्रह है कि आप भी, अपनी पसंद की जगह, अपनी रूचि की गतिविधियों को चुनें और अपने जीवन को रोमांच के साथ जरूर जोड़ें।’’