नई दिल्ली । इन दिनों भारत में आसमान छूती महंगाई को लेकर लोग परेशान हैं। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी के आंकड़े को पार कर चुकी है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (एमओएसपीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी रही है। एक महीने पहले यानी मार्च में यह महंगाई दर 6.95 फीसदी थी। लगातार बढ़ती महंगाई के कारण एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक बार फिर रेपो रेट बढ़ा सकता है। हालांकि भारत इकलौता ऐसा देश नहीं है जो महंगाई से जूझ रहा है, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के लोग खुदरा महंगाई से अधिक परेशान हैं।
सबसे पहले हम ब्रिटेन की चर्चा करते हैं। वहां अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 9 फीसदी पहुंच गई है। यह दर 1982 के बाद सबसे ज्यादा है। बढ़ती महंगाई की वजह से ब्रिटेन के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि यूरोप की 5 सबसे बड़ी इकोनॉमी में ब्रिटेन ही ऐसा देश है, जो सबसे अधिक महंगाई झेल रहा है। इससे इंग्लैंड के वित्त मंत्री ऋषि सुनक दबाव में हैं। उन्होंने कहा, हम लोगों को वैश्विक चुनौतियों से पूरी तरह सुरक्षा नहीं दे सकते, लेकिन हम उन्हें मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। हम महंगाई रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं। इंग्लैंड में भी महंगाई का कारण भी क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आई है। इसके चलते न केवल ब्रिटेन और भारत, बल्कि दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ी हैं। ब्रिटेन में रोजमर्रा की चीजों की कीमतें भी चरम पर हैं।
अब आइए, दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका की चर्चा करते हैं। अमेरिका में अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 8.3 फीसदी रही। हालांकि मार्च की 8।5 फीसदी महंगाई दर की तुलना में यह कम है। इसके बावजूद यह अब भी 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। अमेरिका में खाने-पीने की चीजों से लेकर हवाई टिकट और गाड़ियों की कीमतें बढ़ी हैं। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में अप्रैल में हवाई किराया 19 फीसदी बढ़ा है। पिछले तीन महीने में इसमें 35 फीसदी उछाल आ चुका है। मार्च के मुकाबले अप्रैल में गैस के दाम में 6 फीसदी की कमी आई, लेकिन यह अब भी पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले अधिक है। अमेरिका महंगाई बढ़ने के लिए रूस को जिम्मेदार ठहरा रहा है। यूक्रेन पर हमले के बाद दुनियाभर में कमोडिटी की कीमतों में उछाल आया है।
यूरोप के अन्य देशों की बात करें, तो स्पेन में 8.4 फीसदी, जर्मनी में 7.4 फीसदी ​खुदरा महंगाई दर दर्ज की गई है। जर्मनी में साल 1981 के बाद इतनी महंगाई देखी जा रही है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में अप्रैल में खुदरा महंगाई 13।4 फीसदी रही है। एक महीने पहले वहां खुदरा महंगाई दर 12।7 फीसदी थी। इसका अर्थ यह हुआ कि अन्य देशों की तुलना में पाकिस्तान में महंगाई सबसे अधिक है। वैसे, पाकिस्तान के हालात किस कदर खराब हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक अगले महीने 6-8 तारीख को होने वाली है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में केंद्रीय बैंक रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की वृद्धि कर सकता है। इसका मकसद है तेजी से बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाना है।आरबीआई ने पिछली बैठक में अचानक रेपो रेट 0.4 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया था।

 

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