नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेसी खेमे की ओर से 243 सीटों पर तैयारी संबंधी बयान के बाद आरजेडी ने दो टूक जवाब दिया है। आरजेडी ने सोमवार को कांग्रेस को 58 विधानसभा और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट से लड़ने का ऑफर दिया। पहले अंदरखाने कांग्रेस के खाते में 65 से 70 सीटें जाने की उम्मीद जताई जा रही थी। इस नई उलझन के बाद अब सीट बंटवारे की घोषणा में भी कुछ विलंब हो सकता है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस को 58 विधानसभा और एक वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट ही मिलेगी। उनका तर्क था कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और देशभर में लड़़ती है। आरजेडी का बिहार में अधिक सीटों पर लड़ने का स्वाभाविक हक बनता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनडीए में घर के चिराग से ही आग लग गई है। महागठबंधन में सबकुछ ठीक है। महागठबंधन में सीटों को लेकर राजद और उसके सहयोगियों का तालमेल नहीं बैठ पा रहा। मांझी जा चुके हैं। उपेंद्र की विदाई भी लगभग तय मानी जा रही है। वहीं वाम दल अपनी सीटें बढ़ाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वहीं भाकपा माले को जो सीटें दी जा रही हैं, वह उनमें कुछ बदलाव चाहता है। वीआईपी भी सीटों की संख्या बढ़वाने को राजद और कांग्रेस के दिल्ली दरबार तक चक्कर लगा रहा है। अभी तक राजद और कांग्रेस की बातचीत पटरी पर थी मगर कुछ हालिया घटनाक्रमों से वो भी बेपटरी हो चली है। हालांकि दोनों ही दल मामला सुलझने की ही बात कह रहे हैं।

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