मदरलैंड संवाददाता, बड़हरिया( सीवान)

बड़हरिया( सीवान) ।कोरोना महामारी के बीच लोगों को  भिन्न-भिन्न किस्म की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी नया मामला रसोई गैस को लेकर सामने आया है।पहले इस प्रकार की एलपीजी समस्याएं सामने आती थी कि गैस एजेंसी द्वारा रसोई गैस आपूर्ति में आनाकानी की जा रही है, मनमानी की जा रही है। लेकिन फिलहाल अब इस प्रकार की शिकायत सामने आ रही है की उपभोक्ताओं को रसोई गैस एजेंसी संचालकों द्वारा आपूर्ति से ही मना किया जा रहा है।बताते चलें कि प्रखंड के अलग-अलग गांव में निवास करने वाले दर्जनों लोगों द्वारा प्रखंड के बाहर दूसरे जिले व दूसरे जगहों पर स्थापित और संचालित गैस एजेंसियों में कनेक्शन कराया गया है। दूसरे क्षेत्रों में संचालित गैस एजेंसियों द्वारा इन्हें होम डिलीवरी की सुविधा मुहैया कराई जाती थी। लेकिन लॉक डाउन के बाद विषम स्थिति में उपरोक्त लिखित एजेंसी संचालकों द्वारा मनमानी कर इलाके में रसोई गैस आपूर्ति  से इनकार किया जा रहा है। वहीं पूछे जाने पर उपभोक्ताओं को मुख्य सड़क सील होने की बात कही जा रही है। लिहाजा उपभोक्ताओं की परेशानी काफी बढ़ी हुई है। जिनके यहां का चूल्हा प्रखंड के बाहर संचालित गैस एजेंसियों के भरोसे चलता था उनकी चिंता बढ़ी हुई है। लगातार ऐसे उपभोक्ताओं द्वारा गैस एजेंसी संचालकों से गुजारिश की जा रही है कि वे हमेशा की तरह तय शर्तों के हिसाब से उन्हें सुविधा उपलब्ध कराएं लेकिन गैस एजेंसी संचालकों द्वारा इन उपभोक्ताओं को कानून का हवाला दे बरगला दिया जा रहा है जो कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। सनद रहे कि उक्त मामले को लेकर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने साफ साफ स्पष्ट कर दिया कि गैस एजेंसी संचालकों को इलाके में सुविधा मुहैया कराए जाने पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई है। ऐसे में यह साफ साफ जाहिर होता है कि गैस एजेंसी संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को जो हवाला दिया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है हमारी माने तो गैस एजेंसी संचालकों को विकट स्थिति में उपभोक्ताओं को बरगलाना नहीं चाहिए,  हालांकि ऐसा माना जा सकता है कि अब तक जो लापरवाही गैस एजेंसियों द्वारा की गई उसकी वजह जानकारी का अभाव है लेकिन अब तक हुई लापरवाही के लिए भी कोई और नहीं बल्कि गैस एजेंसी संचालक ही जिम्मेदार हैं सवाल है कि यदि उपभोक्ताओं द्वारा बार-बार आपूर्ति की मांग की जा रही थी तो उनके द्वारा संबंधित इलाके के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत क्यों नहीं की गई। यदि उनके द्वारा तत्परता दिखाई गई होती तो शायद इस बात की जानकारी उन्हें उस वक्त हो जाती की अनिवार्य सेवा रसोई गैस की आपूर्ति पर प्रतिबंध नहीं है। खैर अब बिना देरी गैस एजेंसी संचालकों को दूसरे इलाकों में रसोई गैस की आपूर्ति शुरू कर देनी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं के समक्ष जो संकट मंडरा रहा है उन्हें उससे राहत मिल सके।

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