नई दिल्ली। लंबे वक्त से देश में कोरोना के दो केंद्र रहे केरल और महाराष्ट्र की सीमा से लगने वाले कर्नाटक के हाल भी बिगड़ने लगे हैं। एक महीने के भीतर ही यहां इलाजरत मरीजों की संख्या में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है। हाल में राज्य सरकार ने संकेत दिए कि वे संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में तालाबंदी कर सकते हैं ताकि हालात और न बिगड़ें। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में एक महीने के भीतर इलाजरत मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। यहां 14 जुलाई को इलाजरत मरीजों की संख्या 1,933 थी जो बीते 14 अगस्त को 90 फीसदी बढ़कर 3682 हो गई। राज्य में अब तक 29.29 मरीज संक्रमित हो चुके हैं और 22,497 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी संक्रमण दर एक फीसदी है लेकिन कुछ इलाकों जैसे दक्षिणी कन्नड़ में यह दर 4 फीसदी से ऊपर चली गई है। हालांकि राज्य में तेजी से टीकाकरण हुआ है, जिससे अफसरों को भरोसा है कि संक्रमण बढ़ने पर भी वे टीकाकरण के बल पर हालात को काबू में ला सकते हैं। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि संक्रमण के मामले इसलिए तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि माइक्रो कंटेंटमेंट जोन नहीं बनाए गए। अब सरकार किसी भी इलाके में हरने वाले एक संक्रमित व्यक्ति के आसपास के चार घरों को माइक्रो कंटेंटमेंट जोन मानेगी। इस घरों को बचाव के विशेष नियमों का पालन करना होगा ताकि पूरे इलाके में तालाबंदी की नीति न आए। हाल में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले बोम्मई ने कहा कि केरल में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आने के बाद से राज्य सरकार भी स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है। बोम्मई ने केरल सीमा से लगने वाले दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर, मैसूर और कोडागु के जिला कलेक्टरों से बात करके स्थिति पर नजर रखने को कहा है। बेंगलुरु अर्बन ने पिछले चार हफ्तों के दौरान राज्य में कुल कोरोना केसों में 24 प्रतिशत केस जोड़े हैं। दक्षिण कन्नड़ से राज्य के 18.4 प्रतिशत नए मामले आ रहे हैं। इसके अलावा मैसूर, उडुपी और हसन में भी संक्रमण बढ़ा है। बेंग्लुरु समेत राज्य के बिगड़ते हालात के बीच सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन मान रहा है कि बंग्लुरु में अगले महीने तीसरी लहर आ सकती है। इस बीच राज्य में पूर्ण तालाबंदी की भी चर्चा ने जोर पकड़ा कि राज्य सरकार 15 अगस्त के बाद इस तरह का कदम उठा सकती है। हालांकि बाद में राज्य सरकार ने ऐसी संभावना से इनकार कर दिया।