गुजरात के सूरत में अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे तीन लोगों की पड़ोसी जिले पालघर के एक गांव में बृहस्पतिवार रात भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किये जाने की सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक संगठनों ने निंदा की है। यह घटना कासा पुलिस थाना क्षेत्र में दाभाड़ी-खनवेल मार्ग पर गढ़चिंचले गांव के पास हुई थी।मुंबई में कांदिवली के रहने वाले तीन लोगों, चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और वाहन चालक निलेश तेलगाडे (30), को पुलिस की मौजूदगी में ही उनकी कार से निकालकर पीट-पीटकर मार डाला गया। पुलिस दल मौके पर इन लोगों को बचाने के लिये पहुंचा था। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने इसे बर्बर घटना करार देते हुए सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि यह पुलिस की नाकामी थी। उन्होंने उन कार्यकर्ताओं और अभिनेताओं पर भी निशाना साधा जो एक खास समुदाय की भीड़ द्वारा हत्या किये जाने के मुद्दे पर बढ़-चढ़कर बोलते हैं। आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र संयोजक रही अंजली दमानिया ने आरोप लगाया कि “राकांपा के नियंत्रण वाला गृह मंत्रालय गुंडाराज में लगा है।”
उन्होंने इसके लिये कुछ अन्य घटनाओं का जिक्र भी किया जिनमें राज्य के मंत्री जितेंद्र अव्हाड की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों द्वारा एक व्यक्ति की पिटाई किये जाने और बंद के दौरान 14 अप्रैल को बांद्रा में प्रवासियों की भीड़ जुटने के सिलसिले में एक पत्रकार को गिरफ्तार किये जाने का मामला शामिल है।पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह ने मामले की व्यापक जांच की मांग करते हुए कहा कि पूरी तरह पुलिस पर दोषारोपण नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ वनकर्मी भी हमले के वीडियो में नजर आ रहे हैं। उन्हें भी पीड़ितों को बचाने के लिये हस्तक्षेप करना चाहिए था। मुंबई भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आशीष शेलार ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक को दोषी ठहराते हुए कहा कि उनका दल उन लोगों को गिरफ्तार करने में नाकाम रहा जिन्होंने अफवाह फैलाई जिसकी वजह से हत्या हुई। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।