महाराष्ट्र में राजनीतिक हालात पल-प्रतिपल बदल रहे हैं। बता दें कि, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने शिवसेना के 50-50 फॉर्मूले पर सहमति जाहिर की है। सूत्रों के अनुसार, इस व्यवस्था के तहत एनसीपी ने पहले ढाई वर्ष CM का पद शिवसेना को देने का प्रस्ताव रखा है। बाद के ढाई साल एनसीपी का CM होगा।
पार्टियों में बराबरी के विभाजन का प्रस्ताव
इसके अतिरिक्त गृह मंत्रालय, शहरी विकास, राजस्व, वित्त और पीडब्ल्यूडी मंत्रालय को लेकर दोनों ही पार्टियों में बराबरी के विभाजन का प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव के तहत एनसीपी ने एक शर्त भी रखी है। शर्त यह है कि शिवसेना को मोदी सरकार में दिए एक मंत्री पद से (अरविंद सावंत का) इस्तीफा देकर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के गठबंधन का साथ छोड़ना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, एनसीपी के प्रस्ताव पर शिवसेना शुक्रवार दोपहर तक निर्णय ले सकती है।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला बहुमत
बता दें कि महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। राज्य में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 56 सीटों पर विजय पताका फहराई है। ऐसे में ये दोनों के पास मिलाकर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त आंकड़ा है, लेकिन शिवसेना की CM पद की जिद की वजह से अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है।