नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूरे भारत से एकत्रित सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर एक संग्रह का विमोचन किया। कैसे डीएवाई-एनआरएलएम (दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन), एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) संघों की सामाजिक कार्य समितियों के माध्यम से लैंगिक मुद्दों को संबोधित कर रहा है। ग्राम संगठन सामाजिक कार्य समितियों की अंतर्दृष्टि और कहानियों को साझा करने के लिए आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस संग्रह को जारी किया, जो महिलाओं व लड़कियों को सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहे हैं। एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर संग्रह जारी किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय से राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और सभी राज्यों से ग्राम संगठनों व समूह स्तरीय संघों के सदस्य उपस्थित थे। इस वर्चुअल कार्यक्रम ने उन महिलाओं और लड़कियों की आवाजों को रेखांकित किया, जिन्होंने कई मुद्दों के समाधान के लिए ग्राम संगठन सामाजिक कार्य समितियों से सहायता की मांग की। इन मुद्दों में बाल विवाह की रोकथाम, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, महिलाओं को डायन बताकर उसे प्रताड़ित करना, रोजगार पैदा करना व महिलाओं के लिए आजीविका का समर्थन करना, औपचारिक तंत्र के माध्यम से कानूनी निवारण व परामर्श प्रदान करने के साथ-साथ कमजोर व वंचित समुदायों को समावेशी विकास के दायरे में लाना और यह सुनिश्चित करना कि इन संस्थानों में उनकी आवाज का प्रतिनिधित्व करना शामिल हैं।
23 राज्यों के केस स्टडीज में लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने और महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को खत्म करने के लिए इन लैंगिक हस्तक्षेपों को दोहराने और आगे बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं, तंत्र, रणनीतियों व योजनाओं को रेखांकित किया है। केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं व लड़कियों की चिंताओं को दूर करने को लेकर सहायता प्रदान करने के लिए और डीएवाई-एनआरएलएम की संस्थागत प्रणाली के माध्यम से सहायता मांगने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रयासों की सराहना, न केवल उनके घरों और समुदायों के भीतर कई चुनौतियों का सामना करने के लिए, बल्कि भारत की वृद्धि व विकास को आगे बढ़ाने को लेकर सामाजिक सुधारों व सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए उनके योगदान को लेकर भी की।