नई दिल्ली । चेन्नई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- मद्रास के रसायन विज्ञान विभाग में एकल माता और महिला वैज्ञानिक डॉ ई. पून्गुझली को हरित प्रौद्योगिकी विधि के जरिए औषधीय रूप से महत्वपूर्ण बेंजो[बी] थियोफीन नामक एक कंपाउंड को विकसित करने के लिए एक पेटेंट प्रदान किया गया है। यह कंपाउंड दवाओं की एक श्रृंखला जैसे कि रालोक्सिफेन (ऑस्टियोपोरोसिस में उपयोग), जिल्यूटन (अस्थमा में उपयोग) व सेरटाकोंजोल (फंगलरोधी दवा) मौजूद है। इसके अलावा 2-सब्स्टूटेड बेंजो[बी]थियोफीन का एक-चरण संश्लेषण कंपाउंड के खतरनाक औद्योगिक उत्पादन को प्रतिस्थापित कर सकता है।
मौजूदा उपलब्ध कंपाउंड संश्लेषण विधियां जैसे कि फ्रीडेल-क्राफ्ट एसाइलेशन, मर्केप्टो एसिटेट रिएक्शन, सब्सक्वेंट एडिशन और ऑक्सीडेशन (ऑक्सीकरण) आदि के माध्यम से अच्छे से लेकर उत्कृष्ट स्तर तक का उत्पादन होता है, लेकिन ये सब पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं। इसके अलावा इनमें उच्चतम तापमान का उपयोग होता है। वहीं, इसके नुकसान के रूप में एक अप्रिय गंध के साथ सल्फर का उत्सर्जन और महंगी शुरुआती सामग्री आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विस्फोट के जोखिम को देखते हुए इस प्रक्रिया के तहत बंद नली में रिएक्शन को पूरा किया जाता है और इसमें जरूरी ओएलईडी प्रकाश के उपयोग से इसकी लागत बढ़ जाती है। चूंकि, इसके लिए जरूरी धातु उत्प्रेरक अपनी प्रकृति में विषैले होते हैं, इसलिए इसमें शामिल विभिन्न चरणों पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता होती है।