विजय गौड़, ब्यूरो चीफ
‘‘प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ पल ऐसे आते हैं, जब उसको भावात्मक रूप से मजबूत होना पड़ता है। ऐसे समय में हमारी मातृभाषाएं हमें संबल प्रदान करती हैं। क्योंकि मातृभाषा में मां का स्नेह और वात्सल्य होता है।’ ये विचार दिल्ली सरकार की गढ़वाली, कुमाउनी एवं जौनसारी अकादमी द्वारा प्यारे लाल भवन, आई टी ओ, नई दिल्ली में आयोजित बाल उत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.धनंजय जोशी ने व्यक्त किये। इस अवसर पर अकादमी के सचिव डॉ.जीतराम भट्ट ने कहा कि ‘अपने मन की बात हो अथवा कविता या कहानी हो, सहज अभिव्यक्ति के लिए मातृभाषा सर्वोत्तम माध्यम है।
इसीलिए गढ़वाली, कुमाउनी एवं जौनसारी अकादमी, दिल्ली द्वारा दिल्ली में उत्तराखण्ड मूल के बच्चों के लिए इन भाषाओं में बाल-रंगमंच कार्यशालाओं का आयोजन किया गया और संवाद और अभिनय के माध्यम से इन भाषाओं में बच्चों को प्रशिक्षण दिया।  इन कार्यशालाओं में तैयार नाटकों का मंचन बाल-उत्सव के रूप में किया जा रहा है।’गढ़वाली, कुमाउनी एवं जौनसारी अकादमी द्वारा दिल्ली के 13 विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित बाल-रंगमंच कार्यशाला में 8 से 16 साल तक के बच्चों के द्वारा गढ़वाली, कुमाउनी एवं जौनसारी भाषाओं में दिए गये रंगमंच प्रशिक्षण के द्वारा तैयार नाटकों का मंचन प्यारे लाल भवन, आई टी ओ, नई दिल्ली में बाल उत्सव के रूप में आयोजित किया गया बाल उत्सव का भव्य उद्घाटन तीन जुलाई को किया गया था। जिसमें गढ़वाली, कुमाउनी एवं जौनसारी अकादमी के उपाध्यक्ष एम.एस.रावत,  चन्द्रकला नेगी,  दिनेश बिष्ट,  पूजा बडोला आदि सदस्य भी उपस्थित थे।अकादमी द्वारा आयोजित सात दिवसीय बाल उत्सव में तेरह नाटकों का मंचन किया जाएगा। तीन जुलाई को प्रसिद्ध रंगकर्मी और निर्देशक  सुवर्ण रावत के निर्देशन में तीलू रौतेली का और खिलानन्द के निर्देशन में ‘मैं च्यलछूं’ का मंचन किया गया। चार जुलाई को जीतू बगड्वाल और हरुहित मालू शाही का मंचन किया गया। पांच जुलाई को कै जावा भेंट आखिर और फूल पूजाई, 6 जुलाई को बारामासा और पहाड़े की कुन्ती, सात जुलाई को आमक जेवर और मास्टरनी, आठ जुलाई को देव सुमन और वीर शहीद केसरी चन्द्र और समापन समारोह में नौ जुलाई को रामी बौराणी का मंचन किया गया। इस अवसर पर डॉ.सन्तोष पटेल, राम प्रसाद भदूला,पुरुषोत्तम शर्मा,  डॉ.सुनील जोशी, जगदीश नौडियाल, निशान्त रौथाण सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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