नई दिल्ली। औवैसी की पार्टी आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में सौ सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है। इनमें से अधिकांश पूर्वांचल व पश्चिमी यूपी के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में हैं। इनमें से अधिकांश भाजपा ने जीती थीं। वहीं जिन सीटों पर एआईएमआईएम ने चुनाव लड़ा था, उनमें से अधिकांश पर सपा को जीत मिली थी। इस बार एआईएमआईएम की तैयारी से यूपी में विपक्ष खासतौर पर सपा-बसपा की मुसीबत बढ़े तो हैरत नहीं। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि उनके नेतृत्व ने प्रदेश की उन 100 विधानसभा सीटों का चयन किया है, जहां मुस्लिम आबादी अपेक्षाकृत ज्यादा है। उनकी पार्टी ने जिन 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी की है, वे सीटें पश्चिमी यूपी के अलावा पूर्वांचल, रूहेलखंड और मध्य यूपी की होंगी। इनमें पश्चिम यूपी में मुरादाबाद, अमरोहा, मेरठ, बरेली, बदायूं, सम्भल, मुजफ्फरनगर, पूर्वांचल में बहराइच, रामपुर, गोण्डा, बस्ती, बलरामपुर, संतकबीरनगर, लखनऊ, कानपुर नगर, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर जिलों की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एआईएमआईएम ने जिन सौ सीटों का चुनाव किया है, उनमें से अधिकांश पर 2017 में भाजपा जीती थी। एआईएमआईएम द्वारा 2017 के चुनाव में लड़ी गई 38 सीटों में से शुरुआती 10 सीटों के नतीजों की पड़ताल की तो उनमें से आठ सीटों पर सपा जीती थी। मसलन, सहारनपुर नगर सीट पर ओवैसी की पार्टी के तलत खान पांचवें स्थान पर थे जबकि यहां सपा के संजय गर्ग जीते थे। इसी तरह कैराना सीट पर एआईएमआईएम के मसीउल्लाह पांचवें स्थान पर थे और सपा की नाहिद हसन जीती थीं।