काहिरा। मिस्र के समाज में नैतिक मूल्यों के सिद्धांतों का उल्लंघन करने के मामले में एक न्यायाधीश ने दो युवतियों को बरी करने के फैसले को पलट दिया जिन्हें सोशल मीडिया ऐप ‘टिकटॉक’ पर ‘अश्लील’ वीडियो डालने को लेकर पिछले साल कैद की सजा सुनाई गई थी। न्यायाधीश ने ‘मानव तस्करी’ के नये आरोपों पर उन्हें 15 दिनों के लिए सुनवाई पूर्व हिरासत में भेजने का आदेश दिया। न्यायिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। काहिरा की एक अदालत ने 20 वर्षीय छात्रा हनीन हुस्साम और 22 वर्षीय मवादा एलाधम को अन्य युवतियों को ‘अश्लील कार्यों के लिए भर्ती करने’ को लेकर आरोप तय किया है ‘क्योंकि ये अश्लील कार्य मिस्र के समाज के सिद्धांतों एवं मूल्यों का उल्लंघन करते हैं।’ अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। गुरुवार के इस आदेश से दो दिन पहले एक अपीलीय अदालत ने दोनों महिलाओं को बरी कर दिया था और उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। पिछले साल मिस्र की एक अदालत ने अन्य तीन महिलाओं के साथ हुस्साम और एलाधम को ‘मिस्र के परिवार के मूल्यों एवं सिद्धांतों का उल्लंघन करने’ तथा व्यभिचार एवं मानव तस्करी को बढ़ावा देने को लेकर दो साल कैद की सजा सुनायी थी। पंद्रह सेकेंड के वीडियो में ये महिलाएं कार में मेकअप पोज देते हुए, रसोईघर में नाचते हुए और मजाक के तौर पर नखरे दिखाती हुई नजर आ रही हैं।