अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाले अभिजीत बनर्जी मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करने के लिए जाने जाते हैं। इसको लेकर सत्ताधारी दल के कई नेताओं ने उनपर हमला भी बोला था। बीते दिनों केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी अभिजीत बनर्जी को लेकर जो बयान दिया, उसके बाद भी काफी सवाल उठने लगे थे। इस बीच पीएम मोदी और अभिजीत बनर्जी की मुलाकात को लेकर काफी उत्सुकता थी। अभिजीत बनर्जी मंगलवार को पीएम मोदी से मिलने के बाद जब वह मीडिया से रूबरू हुए, तब सवालों से बचते हुए नजर आए।
पीएम मोदी मीडिया के जाल में फंसने वाले नहीं
इस दौरान एक पत्रकार के सवाल का उन्होंने बड़ा ही मजाकिया अंदाज में जवाब दिया। अभिजीत बनर्जी ने प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वह मीडिया के जाल में फंसने वाले नहीं हैं, क्योंकि इसका अंदेशा पहले भी प्रधानमंत्री मुलाकात के दौरान जता चुके हैं। नोबेल विजेता ने मीडिया से बात करते के दौरान कहा, पीएम मोदी ने बातचीत की शुरुआत बड़े ही मजाकिया अंदाज में यह कहते हुए की कि मीडिया मुझे (अभिजीत को) मोदी विरोधी बातें करने के लिए उकसाएगा, लेकिन मुझे फंसना नहीं है।
कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में अभिजीत बनर्जी ने दिया था सुझाव
इसके बाद पत्रकारों को सचेत करते हुए अभिजीत ने कहा कि आपको पता है ना प्रधानमंत्री टीवी देखते हैं और उनकी हर चीज पर नजर रहती है। वह मीडिया वालों को देख रहे हैं। उन्हें पता है कि आप लोग क्या करने की कोशिश में हैं। इसके बारे में वह पहले ही अंदेशा जता चुके हैं। दरअसल अभिजीत ने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र का संकट बेहद गंभीर और भयावह है। हमें इस पर चिंतित होना चाहिए। हमें कुछ महत्वपूर्ण और त्वरित बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी के लोकसभा चुनाव 2014 के घोषणापत्र में ‘न्याय योजना’ का सुझाव भी अभिजीत बनर्जी का ही था।