मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बहन रश्मि ठाकरे के बेटे (यानी भांजे) के आइएएस अफसरों और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में शामिल होने पर विवाद हो गया है। मंत्रालय में सीएम की अध्यक्षता में होने वाली अधिकारियों की बैठक में भांजे वरुण सरदेसाई के आने और संचालित करने पर नौकरशाहों ने इसे तय प्राविधानों के विरुद्ध बताया है।

कांग्रेस-राकांपा ने दिखाई खिन्नता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गठबंधन के साझीदार (कांग्रेस-राकांपा) ने भी अंदरखाने में इस पर खिन्नता ही जताई है, लेकिन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रालय की बैठक में शिरकत पर सरदेसाई ने कहा कि वह सीएम की ओर से बैठक में शामिल हुए थे। विगत सोमवार को मुंबई और उसके आसपास के तटीय इलाकों में पर्यटन में सुधार पर विचार-विमर्श के लिए मुख्यमंत्री ठाकरे ने राज्य के अफसरों की एक बैठक बुलाई थी। लेकिन बैठक में मौजूद कुछ अफसरों ने एक बात पर गौर किया और बाद में चर्चा की। आखिर वरुण सरदेसाई का आधिकारिक बैठक में क्या काम?

अधिकारी ने कही ये बात
इस मामले को लेकर मंत्रालय के एक अधिकारी ने अपना नाम छिपाने की शर्त पर मिडडे को बताया कि कोई व्यक्ति जो जनप्रतिनिधि या सरकार का हिस्सा नहीं है, वह आधिकारिक बैठक में कैसे हिस्सा ले सकता है जबकि ठाकरे परिवार का यह सदस्य पर्यटन मामले का विशेषज्ञ भी नहीं है। इसलिए उनके इस मीटिंग का हिस्सा होने की कोई वजह नहीं थी। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह उस पद और गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन है जो मुख्यमंत्री पद संभालते हुए ली गई थी।

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