मुख्यमंत्री राहत कोष में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) खर्च के रूप में चंदा लेने की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “हैशटैग कोविड से लड़ने के लिए सीएसआर खर्च से राज्य राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान को अनुमति नहीं देना मोदी सरकार द्वारा लिया गया गलत फैसला है।” उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से एकजुट होकर लड़ना है, न कि अलग-अलग।

सुरजेवाला ने कहा, “प्रधानमंत्री केयर्स फंड और मुख्यमंत्री राहत कोष के बीच लड़ाई की जरूरत नहीं है!” शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री के साथ हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मांग की थी कि कॉर्पोरेट्स को उनके सीएसआर खाते से मुख्यमंत्री के आपातकालीन राहत कोष में दान करने को लेकर वैसी ही सुविधाएं दी जाएं जैसी प्रधानमंत्री केयर्स फंड में योगदान देने पर मिल रही हैं।

राज्य सचिवालय नबना में बनर्जी ने मीडियाकर्मियों से कहा, “हमने कॉरपोरेट्स को अपने सीएसआर खाते से पीएम-केयर्स फंड के लिए पैसा खर्च करने की अनुमति देने की वर्तमान प्रणाली पर आपत्ति जताई है। क्योंकि मुख्यमंत्री के आपातकालीन राहत कोष के लिए ऐसी सुविधा प्रदान नहीं की गई है। मैंने इसे संघीय ढाचे को ध्वस्त करना कहा है।”

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने केयर्स फंड के पहलुओं को स्पष्ट किया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार, राज्य आपदा प्रबंधन समिति में किए गए योगदान को सीएसआर माना जाएगा। वहीं सीएम राहत कोष में किए गए योगदान को सीएसआर के रूप में नहीं माना जाएगा। 2013 के कंपनी अधिनियम के तहत फायदा कमा रहीं कंपनियों को औसत तीन साल के लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर में खर्च करना आवश्यक है।

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