मदरलैण्ड संवाददाता,

सीवान ।आज के तनावपूर्ण परिवेश में लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी कारणवश तनावग्रस्त है।पर इसका मतलब यह नहीं कि,आप आत्महत्या  ही कर लें।आप उसे इग्नोर भी कर सकतें हैं।बस एक जोरदार ठहाका और सारे टेंशन उड़न छू।यह सब बातें सिवान शहरवासी देश में इंडियन लॉफिंग बुद्धा के नाम से प्रसिद्ध नागेश्वर दास ने कही।उन्होंने ने देशभर में होरहें लगातार आत्महत्यों पर अपना विचार रखते हुए कहा कि, सारे जहां की अमानत है ये, ये जीवन तुम्हारा ,तुम्हारा नहीं, जीवन मिटाना है कायरतापन ,कोई प्यार जीवन से प्यारा नहीं।
किसी के इरादों की ख़ातिर जियो ,किसी के मुरादों की ख़ातिर जियो ,है यादों में जिन भी तो जिंदगी, जीना तुम्हें क्यों गवारा नहीं ।जब इस तरह की सोच इंसान में होती है तो ,वह हर हाल में अपने आप से प्रेम करने लगता है।और दीपक की तरह खुद जलकर औरों को रौशन करता है।ऐसे ही लोग प्रेणनादायक होतें है।देश व दुनियां के आईना होतें हैं।लाफिंग बुद्धा नें कहा जिस तरह अंधरे का दुश्मन प्रकाश होता है,उसी प्रकार तनाव डिप्रेशन का दुश्मन जोरदार ठहाका होता है। जब कभी भी इस तरह का सिचुएशन पैदा हो तो ,उससे घबराएं नहीं बल्कि उस पर जोरदार ठहाके का प्रहार कर के उससे मुक्ति पाया जा सकता है।लॉफिंग बुद्धा नें कहा कि हँसने से दिमाग के अंदर से इंडारिशन नामक हार्मोन्स निकलता है जो आप के तनाव को कम कर के आप को आनंद की ओर ले जाता है।
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