भारत के राज्य पंजाब में सरकार द्वारा सरकारी मेडिकल कालेजों की फीसों में 70 से 80 प्रतिशत वृद्धि कर अप्रत्यक्ष तौर पर आम घरों के बच्चों के डॉक्टर बनने पर ही पाबंदी लगा दी है, क्योंकि आम घरों के बच्चे इतनी मोटी फीस अदा नहीं कर सकते। आम आदमी पार्टी के यूथ विंग ने इसी मुद्दे को लेकर बुधवार (3 जून) को अमृतसर में मंत्री ओपी सोनी की कोठी का घेराव करने का फैसला लिया है।

इसके अलावा सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बरनाला से विधायक मीत हेयर, महासचिव दिनेश चड्ढा और यूथ प्रधान मनजिन्दर सिंह सिद्धू ने कहा कि हैरानी की बात है कि बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वायस चांसलर यह बयान दे रहे हैं कि जब निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए माता-पिता लाखों रुपये खर्च करते हैं तो डॉक्टर बनने के लिए भी अदा कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि अब निजी स्कूलों में मोटी फीस अदा करने वालों को ही सरकार डॉक्टर बनाएगी। दूसरी तरफ, सरकारी और छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब, दलित और मध्यवर्गीय घरों के बच्चों को डॉक्टर बनने का मौका भी नहीं दे रही। साथ ही, उन्होंने कहा कि 2010 में सरकारी कालेजों की एमबीबीएस की फीस 13 हजार रुपये वार्षिक थी, जो 10 साल बाद आज 12 गुना बढ़ाकर 1 लाख 56 हजार रुपये वार्षिक कर दी है। इन वर्षों में डॉक्टरों के वेतन और स्टाईपन में मामूली विस्तार किया गया। सरकार के तर्क को खारिज करते हुए मीत हेयर ने कहा कि यदि पड़ोसी राज्य हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के मेडिकल कॉलेज बहुत ही कम फीस के साथ चल सकते हैं तो पंजाब क्यों नहीं।

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