बीते कई दिनों से लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर मासूम लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है, हर दिन इस वायरस के कारण दुनियाभर में हजारों मौते हो रही है। वहीं लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रह है, वहीं हाल ही में प्लाज़्मा थेरिपी में मैक्स के बाद अब अपोलो अस्पताल में भी प्लाज्मा तकनीक के जरिये मरीज वेंटिलेटर से बाहर आ चुका है। हालांकि अभी तक लोकनायक अस्पताल से इस तकनीक के सफल परिणाम सामने नहीं आए हैं। दिल्ली के तीन अस्पतालों में अभी प्लाज्मा ट्रायल चल रहा है जबकि एम्स ने झज्जर स्थित अपने कैंपस में भी कुछ मरीजों को प्लाज्मा देना शुरू कर दिया है।
सूत्रों की माने तो अपोलो अस्पताल में भर्ती 42 वर्षीय संक्रमित मरीज को प्लाज्मा थैरेपी के जरिये अब वेंटिलेटर से बाहर कर दिया है. उसे आईसीयू से कोविड वार्ड में शिफ्ट किया है। डॉक्टरों के अनुसार मरीज की हालत पहले से काफी ठीक है। जहां मधुमेह होने के चलते मरीज को जब संक्रमण हुआ तो उसको काफी दिक्कतें आ रही थीं। सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी लेकिन जब प्लाज्मा दिया गया तो तीन दिन बाद उसकी स्थिति में काफी सुधार देखा गया है।
वहीं इस बता का पता चला है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में केंद्र सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण करने की अनुमति दी थी। कुछ मरीजों को प्लाज्मा दिया और उनमें से पहला मरीज ठीक होकर अपने घर चला गया है। पहले वह काफी गंभीर था और आईसीयू में था। अब वह बिल्कुल ठीक है। प्लाज्मा थेरेपी के प्राथमिक नतीजे अच्छे मिल रहे हैं। वहीं दिल्ली के सीएम केजरीवाल के मुताबिक, अभी कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की तरफ से कुछ बयान आए थे, जिनकी वजह से असमंजस की स्थिति पैदा हुई थी। कई लोगों के फोन आए कि क्या प्लाज्मा थेरेपी को बंद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ इतना कहा था कि जिन लोगों के लिए केंद्र सरकार से अनुमति है, केवल उन्हीं पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल करें।