नई दिल्ली। मोदी सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ के स्वप्न को साकार करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एक अलग ‘सहकारिता मंत्रालय’ का गठन किया है। यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करेगा। यह सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले एक सच्चे जनभागीदारी आधारित आंदोलन को मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगा। हमारे देश में सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल बहुत प्रासंगिक है जहां प्रत्येक सदस्य अपनी जिम्मेदारी की भावना के साथ कार्य करता है। यह मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए ‘कारोबार में सुगमता’ के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) के विकास को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य करेगा। केंद्र सरकार ने समुदाय आधारित विकासात्मक भागीदारी के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है। सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय का गठन भी वित्त मंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा को पूरा करता है।

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