मोदी सरकार जल्द ही 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत 50 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी घोषणा कर सकती हैं। सूत्रों ने बताया हैं कि सरकार कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाने का ऐलान कर सकती है, जिसके बारे में एक निर्णय इस महीने होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जा सकता है। हालांकि केंद्र ने पहले से अपने कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपये तक बढ़ा दिया था, पर उन्होंने सरकार से इसे बढ़ाकर 26,000 रुपये करने का आग्रह किया था।
न्यूनतम वेतन में भी हो सकता है इजाफा
फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से न्यूनतम वेतन में भी इजाफा हो सकता हैं। सरकार कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में 8 हजार रुपए का इजाफा होगा। मतलब यह हैं कि जो अभी तक सिफारिशों के अनुसार 18000 रुपए है, वह बढ़कर 26000 रुपए हो जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कुछ वक्त पहले ही अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 5 फीसदी तक का इजाफा किया गया था। सरकार ने महंगाई भत्ते को 12 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी कर दिया गया था। सरकार के इस फैसले का फायदा 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को मिला है।
सभी सरकारी कर्मचारियों को मिलेंगी वित्तीय सुविधाएं
दूसरी तरफ, मोदी सरकार ने 22 अक्टूबर को घोषणा की थी कि ३१ अक्टूबर को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुविधाएं मिलेंगी। इस फैसले से इन संघ शासित प्रदेशों के 4.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को मदद मिलेगी। ये कर्मी अब 31 अक्टूबर से केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के कर्मी कहलाएंगे। केंद्र शासित प्रदेश में 7वें वेतन आयोग लागू करने के वजह से सरकार करीब 4,800 करोड़ रुपये का सालान भार वहन करेगी। बता दें कि सरकार ने पिछले महीने भी अपने कर्मचारियों के लिए MCAPS योजना को जारी रखने के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत उन्हें 10, 20 और 30 वर्षों में पहले की तरह सुनिश्चित पदोन्नति मिलेगी।