नई दिल्ली। स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन, सेमीकंडक्टर में कमी और कारखानों के कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण होने की वजह से अप्रैल तथा मई में मोबाइल फोन के विनिर्माण और बिक्री में खासी कमी आई है। इस वजह से अप्रैल-जून तिमाही इन कंपनियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण बन गई है। कई मोबाइल फोन कंपनियों के प्रमुखों ने यह बात कही। लावा इंटरनैशनल के सह-संस्थापक एसएन राय और माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राजेश अग्रवाल ने स्वीकार किया कि देश भर में कोरोना संक्रमण तेज होने के कारण अप्रैल-मई में मोबाइल फोन का विनिर्माण करीब 50 फीसदी घटा है। राय कहते हैं, ‘जून तिमाही में स्थिति वाकई चुनौती भरी है। हमारी जैसी कुछ कंपनियां अप्रैल में भी उत्पादन जारी रख पाईं क्योंकि हमारे पास पुर्जों का कुछ स्टॉक बचा था। मगर सभी कंपनियों के साथ ऐसा नहीं है। संक्रमण फैलने और लॉकडाउन होने के कारण मई का महीना सभी के लिए खराब रहा है। उद्योग की बात करें तो कारोबार को करीब 50 फीसदी चपत लगी है।
माइक्रोमैक्स के अग्रवाल ने कहा, ‘जून तिमाही कठिन रहने वाली है क्योंकि माहौल खराब है। संक्रमण की दूसरी लहर खरीदारों का हौसला कमजोर हुआ है। लॉकडाउन हटने के बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार आ सकता है। आईडीसी इंडिया के शोध निदेशक नवकेंद्र सिंह ने कहा, ‘2021 कैलेंडर वर्ष में सुधार उतना नहीं होगा, जितने की उम्मीद पहले लगाई गई थी। दूसरी लहर का प्रभाव और तीसरी लहर की आशंका का असर लंबे समय तक रह सकता है।’ सिंह ने कहा कि 2021 में स्मार्टफोन बाजार की सालाना वृद्घि एक अंक में रहेगी। पहले दो अंकों में वृद्घि का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने चेताया कि गैर-जरूरी खर्च में कमी, आपूर्ति शृंखला पर दबाव और पुर्जों की कीमतों में बढ़ोतरी का अंदेशा है, जिससे आने वाली तिमाहियों में भी दबाव देखा जा सकता है। राय ने कहा कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद दो-तीन हफ्ते नरमी रहेगी और उसके बाद उत्पादन शुरू हो सकता है लेकिन बेहतर सुधार के लिए महीनों इंतजार करना पड़ सकता है।

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