यंगून। उत्तरी म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के विरोध में जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग सेना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। इसी बीच एक नन की तस्वीर सामने आई, जो घुटने पर बैठकर मासूम लोगों की जान की भीख मांगती दिखाई दे रही है। इस तस्वीर ने दुनिया की तमाम महिलाओं के सामने मिसाल कायम कर दी। दरअसल उत्तरी म्यांमा में तख्तापलट के खिलाफ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने गोलीबारी की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी। वहां मौजूद सिस्टर रोजा से यह देखा नहीं गया और वह सड़क के बीचों-बीच बैठकर सेना से गोली न चलाने की गुहार करने लगी। उन्होंने सेना से कहा कि अगर आपको यह करना है,तब मुझसे गुजरकर जाना पड़ेगा। इस पर पुलिस भी उनके सामने घुटने टेककर बैठकर कहने लगी कि उन्हें प्रदर्शन रोकने के लिए यह करना ही पड़ेगा।
नन की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, हर कोई उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहा है। सिस्टर रोजा ने बताया कि दोपहर 12 बजे सुरक्षाबलों ने कार्रवाई की,तब मैंने उनसे प्रार्थना की कि लोगों को गोली न मारें, गिरफ्तार न करें। उन्होंने बताया कि वह देख नहीं पाईं कि किसने गोली चलाई लेकिन उम्मीद की कि उन अधिकारियों ने नहीं चलाई होगी जिनसे उन्होंने बात की थी। सेना द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद से म्यांमा में कई शहरों में रोज प्रदर्शन के लिए लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। म्यांमा के सबसे बड़े शहर यांगून में भी रात आठ बजे से कर्फ्यू शुरू होने के बाद से लगातार दूसरी रात सुरक्षा बलों ने भारी हथियारों से गोलीबारी की। प्रदर्शनकारी आंग सान सू ची समेत अन्य नेताओं को रिहा किए जाने की मांग कर रहे हैं।

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