रमजान का पवित्र माह शुरू हो चुका है। देशभर के मुस्लिम इस महीने में रोजा रखते हैं। हालाँकि, इस बार रमजान में स्थिति अलग हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच लॉकडाउन भी जारी है। लॉकडाउन के बाद भी देश में कोरोना संकमण तेजी से फैल रहा है। हर दिन टेस्टिंग की मात्रा भी बढ़ाई जा रही है। इस बीच दारुल-उलूम देवबंद ने एक अहम फतवे में कहा है कि यदि रोजे की स्थिति में भी कोरोना टेस्ट का सैंपल लिया जाता है तो उससे रोजा नहीं टूटेगा।

दरअसल, इससे सम्बंधित एक सवाल दारुल-उलूम देवबंद से किया गया था। सवाल था कि रमजान के दौरान रोजे की हालत में कोरोना जांच के लिए सैंपल देने पर क्या दिशा-निर्देश हैं। ये सवाल इसलिये भी किया गया क्योंकि कोरोना की जांच के लिये गले से भी सैंपल लिया जाता है। इसी सवाल पर दारुल-उलूम देवबंद के मुफ्तियों के समूह ने कहा है कि कोरोना वायरस की जांच रोजा रखकर कराइ जा सकती है, इससे रोजा नहीं टूटेगा।

दारुल-उलूम ने कहा है कि नमूने के लिये नाक या गले में जो कॉटन लगी हुई स्टिक डाली जाती है उस पर किसी किस्म की कोई दवा या केमिकल लगा नहीं होता है और यह स्टिक नाक व मुंह में केवल एक बार ही डाली जाती है। कॉटन पर नाक व हलक से जो गीला अंश लगता है तो उसे मशीन के माध्यम से चेक किया जाता है। लिहाजा इससे रोजे पर कोई असर नहीं पड़ता है।

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